दु:खद… नहीं रहे सुरमयी आवाज के मालिक भूपिन्दर सिंह, सुनिए उनके कुछ गीत

मुंबई। मशहूर सिंगर भूपिन्दर सिंह का सोमवार को लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे 82 साल के थे। भूपिंदर की पत्नी मिताली के मुताबिक, मंगलवार को भूपिंदर का अंतिम संस्कार होगा। उन्हें पेट की बीमारी थी।
क्रिटिकेयर एशिया हॉस्पिटल के डॉयरेक्टर डॉ. दीपक नामजोशी ने कहा- भूपिंदर को 10 दिन पहले अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उनके पेट में इंफेक्शन था। इसी दौरान उन्हें कोरोना भी हो गया। सोमवार सुबह उनकी हालत बिगड़ गई। उन्हें वेंटिलेटर पर रखना पड़ा। उन्हें कार्डियक अरेस्ट हुआ और शाम 7:45 बजे उनका निधन हो गया।
भूपिन्दर सिंह के कुछ यादगार गीत

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भूपिन्दर का जन्म पंजाब की पटियाला रियासत में 6 फरवरी 1940 को हुआ था। उनके पिता प्रोफेसर नत्था सिंह सिख थे। वो खुद भी बहुत अच्छे संगीतकार थे, लेकिन संगीत सिखाने के मामले में बेहद सख्त उस्ताद थे। अपने पिता की सख्त मिजाजी देखकर शुरुआती दौर में भूपिन्दर को संगीत से नफरत सी हो गई थी। एक वह भी जमाना था, जब भूपिन्दर को संगीत को बिल्कुल पसंद नहीं था।


मशहूर गीतकार और फिल्मकार गुलजार के पसंदीदा गायकों में शुमार भूपिंदर ने अमूमन उनकी हर फिल्म के लिए अपनी मखमली आवाज दी। सुरेश वाडेकर के साथ गाया उनका मशहूर गीत, ‘हुजूर इस कदर भी न इतरा के चलिए’ आज भी महफिलों की जान होता है।

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