हिमाचल…विधान भवन के गेट पर खालिस्तान के बैनर लिखने के मामले में पन्नू के खिलाफ यूएपीए के तहत मुकदमा, सीसीटीवी कैमरे न लगने पर उठे सवाल

धर्मशाला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा परिसर के मुख्य द्वार और दीवारों पर खालिस्तान लिखे बैनर लगाने के आरोप में पुलिस ने सिख फॉर जस्टिस के प्रमुख गुरपतवंत सिंह पन्नू के खिलाफ यूएपीए के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। इस बीच डीजीपी संजय कुंडू ने प्रदेश की सीमा को सील करने और संवेदनशील और भीड़-भाड़ वाले स्थानों पर सुरक्षा कड़ी करने का भी आदेश दिया है। प्रदेश की सुरक्षा एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है।


हिमाचल प्रदेश के पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने कहा कि पन्नू के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) की धारा 13 और भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए और 153 बी के अलावा एचपी ओपन प्लेस (रोकथाम की रोकथाम) की धारा 3 के तहत मुख्य आरोपी के रूप में मामला दर्ज किया गया है।

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कुंडू ने कहा कि कांगड़ा जिले की धर्मशाला तहसील के अंतर्गत कानेड़ गांव के राम चंद उर्फ अजय कुमार की शिकायत पर पन्नु और अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। डीजीपी ने कहा कि गुरपतवंत सिंह पन्नू को मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया है।

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उधर, देश की पहली पेपर लेस (ई—विधानसभा) होने का दर्जा प्राप्त हिमाचल विधानसभा में सीसीटीवी कैमरा न होना बड़े सवाल करता है। साल 2006 में करोड़ों रुपये खर्च कर बनाए गए तपोवन स्थित विधानसभा भवन की सुरक्षा में एक भी सीसीटीवी कैमरा नहीं लगाया गया है। यहां का जिम्मा भी मात्र चार पुलिस कांस्टेबल और एक सब इंस्पेक्टर के हवाले है।

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शनिवार रात को विधानसभा परिसर के मुख्य गेट पर न तो सीसीटीवी था और न ही वहां कोई सुरक्षा गार्ड तैनात था। हैरानी की बात है कि पुलिस प्रशासन आम लोगों और दुकानदारों को अपने घरों व दुकानों आदि में सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए जागरूक करता रहता है, लेकिन लोकतंत्र के मंदिर विधानसभा परिसर में ही सीसीटीवी कैमरे लगाना भूल गया।

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