शिमला…#चार्जशीट: बैम्लोई घोटाले में डीएफओ और आरओ को राहत, वन रक्षक पर ही चलेगा मुकदमा

शिमला। धूमल सरकार के कार्यकाल में शिमला में हुए बैम्लोई घोटाले में विजिलेंस ब्यूरो ने जांच पूरी कर कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी है।

इस बहुचर्चित मामले में बैम्लोई बिल्डर्स डेवलपमेंट एवं इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी प्राइवेट लिमिटेड के तत्कालीन निदेशक कंवर दीप सिंह सेखों और हरिंद्र सिंह रंधावा के अलावा एक ठेकेदार के मुंशी मोहन सिंह को चार्जशीट किया गया है।

सरकारी स्तर पर सिर्फ तत्कालीन फॉरेस्ट गार्ड सुखराम का नाम चार्जशीट में शामिल है। जांच के आधार पर घोटाले के मुख्य आरोपियों में तत्कालीन डीएफओ शिमला शहरी राजेश शर्मा, तत्कालीन रेंज अधिकारी छोटा शिमला अनीता भारद्वाज, तत्कालीन रेंज अधिकारी तारा सिंह कंवर, तत्कालीन बीओ (वर्तमान रेंज अफसर) रणवीर सिंह और तत्कालीन बीओ ज्ञान चंद के खिलाफ सरकार ने अभियोजन मंजूरी नहीं दी।


इन सभी का नाम चार्जशीट में नॉट चार्जशीटेड के कॉलम में दर्ज किया गया है। खास बात यह है कि विजिलेंस ने सितंबर 2020 में जयराम सरकार को पत्र लिखकर अभियोजन मंजूरी के फैसले पर पुनर्विचार के लिए कहा। लेकिन, सरकार ने जुलाई 2021 में यह कहते हुए इसे खारिज कर दिया कि सक्षम स्तर पर दोबारा परीक्षण और विचार करने के बाद इस विषय को बंद किया जा रहा है। सरकार के अंतिम रिजेक्शन के बाद एजेंसी ने चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है।

चूंकि जांच में सभी अधिकारियों की मिलीभगत की पुष्टि के बाद भी सरकार के अभियोजन मंजूरी नहीं दी, ऐसे में अब कोर्ट में उनके खिलाफ मुकदमा चलने की संभावना कम है। हालांकि चार्जशीट में नॉट चार्जशीटेड कॉलम में नाम होने और पूरी जांच के दौरान उनकी भूमिका के चार्जशीट में दर्ज होने के बाद कोर्ट इस पर अंतिम फैसला ले सकती है।

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भाजपा की धूमल सरकार के खिलाफ कांग्रेस पार्टी की ओर से जांच के लिए राज्यपाल को सौंपी चार्जशीट में बैम्लोई बिल्डर्स को राजधानी शिमला के बैम्लाई में घने जंगल के इलाके में जमीन बेचने और लाभ पहुंचाने के आरोप लगाए थे। कांग्रेस सरकार के निर्देश पर विजिलेंस ने प्रारंभिक जांच की और उसके आधार पर नवंबर 2013 में विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली।

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सालों चली विजिलेंस जांच के दौरान यह बात साबित हो गई कि वन विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों ने 128 श्रमिकों के नाम पर 11.48 लाख रुपये कीमत के फर्जी बिल व वाउचर एक ठेकेदार मनीष कश्यप के मुंशी रहे मोहन सिंह से तैयार कराए। एफएसएल जांच में भी मोहन सिंह और फॉरेस्ट गार्ड सुखराम की लिखाई की पुष्टि हो गई। इसके बाद ब्यूरो ने अब चार्जशीट दाखिल कर दी।

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