दीपावली विशेष : इस बार लक्ष्मी पूजा का मुहूर्त सायं 6 बजकर 9 मिनट से 8 बजकर 4 मिनट तक, ऐसे करें महालक्ष्मी पूजन
आर्चाय पंकज पैन्यूली
दीपावली एक ऐसा पर्व है,जो त्रेता युग से पूरे हिन्दू समाज में सबसे ज़्यादा उत्साह और प्रसन्नता के साथ मनाया जाता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार भगवान श्रीराम रावण को परास्त कर जब चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौट रहे थे उस समय अयोध्या वासियों ने अपने-अपने घरों में दीप प्रज्वलित कर ख़ुशी व्यक्त की थी और तब से इस दिन प्रतिवर्ष हिन्दू समाज में दीपावली का पर्व मनाया जाता है।
वस्तुतः दीपावली का त्योहार हर्ष और उल्लास का प्रतीक है। इस दिन परम्परानुसार दीपावली का उत्सव तो मनाया ही जाता है, साथ-साथ लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा भी बड़ी श्रद्धा और विधि विधान पूर्वक सम्पन्न की जाती है। तो आइये जानते हैं कि इस दिन गणेश लक्ष्मी जी की पूजा का महत्व क्या है और पूजन विधि क्या है। शास्त्रों के अनुसार लक्ष्मी जी को धन समृद्धि का प्रतीक माना जाता है, तो गणेश जी को विघ्नहर्ता और उद्यम का प्रतीक माना जाता है।
अर्थात इस दिन गणेश लक्ष्मी जी से यह आशीर्वाद लिया जाता है, कि हमारे जीवन में जितनी भी बाधाएँ,रुकावटें व विपत्ति आदि हैं,वे सब दूर हों और हमारे पास जितनी भी धन संपत्ति हैं, उसका हम ठीक से उपभोग कर सकें और हमारे धन का कुमार्ग जैसे-रोग,बीमारी, कोर्ट -कचहरी आदि में अपव्यय न हो।
हमें पुरुषार्थ और कठोर कर्म करने की सत्प्रेरणा प्राप्त हो,ताकि हम अधिक से अधिक धन-संपत्ति का अर्जन कर सके। इस प्रकार की भावना से गणेश,लक्ष्मी जी की पूजा की जानी चाहिए।
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पूजा विधि-सबसे पहले घर में पूजा स्थान की सफाई करें और मन्दिर में स्थापित सभी देवी देवताओं का जल या गंगाजल से स्नान करायें। फिर एक चौकी के ऊपर लाल वस्त्र बिछाकर कलश और गणेश लक्ष्मी की मूर्ति या फ़ोटो की स्थापना करें। कुबेर यंत्र या मूर्ति भी रखें। फिर सायंकाल में मुहूर्त के समय पहले घी का दीपक जलायें,फिर यथा जानकारी यथा श्रद्धा पहले कलश और फिर गणेश,लक्ष्मी की मूर्ति पर रोली का टीका,चावल,फूल,कमल का फूल,फूलमाला आदि अर्पित कर नैवेद्य चढ़ाये।
नैवेद्य में पंचमेवा,मिठाई, कमल का फूल, खील, बताशे आदि अर्पित करें और फिर ऋतुफल अर्पित करें। इसके बाद चांदी का सिक्का, गहने,पैसे,बही खाते आदि कीमती और जो आपके लिए सबसे ज्यादा उपयोगी वस्तु है, को गणेश लक्ष्मी के सामने रखकर रौली,चावल,फूल आदि से पूजन करें।
उसके बाद लक्ष्मी के मंत्र और श्रीसूक्त का पाठ करें।
मंत्र जप और पाठ की संख्या आप अपनी रुचि अनुसार कर सकते हैं और अन्त में गणेश, लक्ष्मी की आरती करें और प्रसाद पूरे परिवार में बांट ले। इस प्रकार गणेश लक्ष्मी की पूजा से घर में सुख,शान्ति और समृद्धि कायम होती है।
परिचय :
संस्थापक भारतीय प्राच्य विद्या पुनुरुत्थान संस्थान ढालवाला। कार्यालय-लालजी शॉपिंग कॉम्प्लेक्स मुनीरका, नई दिल्ली। शाखा कार्यालय-बहुगुणा मार्ग पैन्यूली भवन ढालवाला ऋषिकेश।सम्पर्क सूत्र-9818374801,8595893001