ब्रेकिंग…ससुराल वालों की ज्यादती से तंग आकर नौ महीनों से मायके में रह रही विवाहिता ने लगाई फांसी, छोड़ा यह सुसाइड नोट

अजमेर। एक नवविवाहिता ने ससुराल वालों से तंग आकर आत्महत्या कर ली। वैशाली नगर के शिव सागर कॉलोनी की रहने वाली 31 वर्षीय अनुराधा अपने पति के अवैध संबंध और ससुराल वालों के टाॅर्चर से दुखी थी। महिला अपने पीहर में ही रहती थी। महिला ने 6 पेज का सुसाइड नोट भी लिखा है। महिला की दो साल की एक बेटी है।


गौरतलब है कि वैशालीनगर के शिव सागर कॉलोनी में रहने वाले मधुसूदन सोमानी की बेटी अनुराधा ने शनिवार को फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली। घर पर माता-पिता व भाई नहीं थे, केवल दो साल की बेटी अनन्या थी। जब उसके परिजन घर पहुंचे तो वह फंदे पर लटकी मिली। जिसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। बाद में शव को जेएलएन अस्पताल के मोर्चरी में रखवा दिया। भाई सर्वेश्वर सोमानी ने मामले में क्रिश्चियन गंज थाने में शिकायत दी। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
घटना के बाद पिता शिवशंकर सोमानी व भाई सर्वेश्वर ने बताया कि उनकी बेटी को बहुत परेशान किया जा रहा था। तंग आकर वह मायके में आ गई। वह नौ माह से यहां रह रही थी।


शनिवार रात को महिला अपनी दो साल की बच्ची के साथ घर पर अकेली थी। उसके माता-पिता ससुराल में चल रही परेशानी को सुलझाने के लिए समाज के लोगों से मिलने गए थे। मृतक महिला की तीन साल पहले शादी हुई थी। मृतक महिला ने पति पर अवैध संबंध रखने सहित पति व ससुराल पक्ष पर परेशान करने का आरोप लगाया है।


महिला का सुसाइड नोट सामने आया है। जिसमें उसने अपने साथ घटी सारी घटनाओं को लिखकर इंसाफ की मांग की है। उसने लिखा- मैं अपने पूरे होशो हवास में यह लेटर लिख रही हूं, मेरी शादी 12 दिसंबर 2018 को हिंदी रीति रिवाज से हुई थी। 4 जनवरी 2018 को मेरा रोका हुआ था। पूरे 1 वर्ष तक रोका चला, उसके बाद मेरी शादी हुई। शादी में मेरे ससुर गोविंद लाल मालपानी और सास सरोज मालपानी ने लेनदेन मेरे पिताजी ने किया। पैसे से लगाकर सोने तक। उसके बाद पति अनिरुद्ध मालपानी से मेरी शादी हुई थी। वह जर्मनी में रहते हैं। वे मुझे सास-ससुर के पास किशनगढ़ छोड़ कर चले गए। फिर उसके बाद मानसिक टॉर्चर करने लगे।

ससुर मेरा शारीरिक व मानसिक शोषण करने लगा। इसके बाद अनिरुद्ध मालपानी को मैंने बोला, प्लीज मुझे यहां से लेकर चलो। उन्होंने वीजा का इशू बता दिया। बोले- वीजा नहीं बन पा रहा है। टाइम लगेगा। मेरा देवर जो कंपनी में काम करता है, वह मेरा जबरदस्ती मानसिक व शारीरिक शोषण करता था। मुझे टॉर्चर करता था। उन्हीं सबसे दुखी होकर आखिर जर्मनी चली गई। इसके बाद उन्होंने मुझे सिर्फ तीन माह तक रखा। मेरा प्रेग्नेंसी टेस्ट कराकर किशनगढ़ भेज दिया। मैंने मना किया था। कहा था कि अभी मुझे तुम्हारी जरूरत है। मेरे जुड़वा बच्चे थे, एक बच्चे में प्रॉब्लम आई तो उन्होंने जबरदस्ती अबॉर्शन करवा दिया।
फिर पता चला दूसरी बच्ची लड़की है, जो बिल्कुल सही थी। फिर भी उसे मरवाने के लिए बोल दिया। टेस्ट के वक्त जर्मनी में थी। इसलिए उसे पता चल गया था कि दूसरा बच्चा लड़की है। फिर किशनगढ़ आ गई। सास ससुर और देवर मेरे पीछे पड़ गए। मुझे मारने लग गए । उस टाइम भी फिर आए दिन गोविंद मालपानी, सरोज मालपानी मेरे पापा को कॉल करके पैसे की मांग करते थे। जैसे ही मेरी बेटी हुई। उन्होंने पैसा सोना कपड़े सब की रिमांड की। सब मेरे पापा ने किया। मेरे पापा बहुत सीधे हैं, बेटी का घर बना रहे। इसके लिए वह सब करते रहे।

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पापा ने मुझे पुलिस कंप्लेंट के लिए भी रोक दिया। मैं किशनगढ़ में अपनी बेटी के साथ रहती थी तो आदित्य मालपानी भी मुझे मारता और मेरा शोषण करता था। इससे तंग आकर मैं जर्मनी चली गई, फिर वहां मुझे पता चला कि पति का किसी लड़की के पास अफेयर चल रहा है। रोज वह मुझे मारता पीटता था, खाने को भी नहीं देता था, जिससे मैं पूरी तरह से तंग आ गई थी।

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सबने बहुत मानसिक व शारीरिक शोषण किया है। जब मैंने बोला कि मैं अब तंग आ गई हूं। पुलिस में जा रही हूं तो फिर उसके पापा ने 10 जनवरी को अखबार में निकलवा दिया कि मैंने अपने बेटे और बहू को अलग कर दिया, जिससे उन पर कोई केस ना हो। अनिरुद्ध मालपानी को जर्मनी भगा दिया। मैंने पति अनिरुद्ध को बहुत कॉल और मैसेज किए। उसने एक का भी रिप्लाई नहीं किया। मेरा सामान भी नहीं लेने दे रहे। उसे किराए से मकान में रख दिया। मुझे मेरी बेटी को लावारिस की तरह छोड़ दिया मैं पिछले 9 माह से मायके में हूं।
कल मैंने बालकिशन जाजू जो अनिरुद्ध के मामा हैं, उनसे बात की तो वह मुझे भला-बुरा कहने लगे। उन्होंने ही मेरी शादी करवाई थी झूठ बोलकर, कि यह परिवार बहुत अच्छा है, लड़का अच्छा है। उन्होंने मुझे फंसाया है इस शादी में। अब मैं चाहती हूं कि मुझे न्याय मिले, मैंने जिंदा रहकर बहुत कोशिश की लेकिन अब मैं हिम्मत हार गई हूं। मेरे परिवार के अलावा कोई मेरा साथ नहीं दे रहा है। अब मेरी आप सब से गुजारिश है कि मुझे और मेरी बेटी को न्याय दिलाया जाए, जो पिछले 9 महीनों तक नहीं मिला, मेरी मम्मी पापा बहुत सीधे हैं।

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मई से अपने मम्मी पापा के पास थी उसने सिर्फ 3 साल में 6 महीने ही मुझे रखा। वह पूरे टाइम मुझे किशनगढ़ रखता था। मैंने अपने पिताजी से सारी बातें शेयर की तो उन्होंने मुझे नहीं भेजा। फिर मेरे पापा ने गोविंद मालपानी से बात की तो बोला कि हम तो ऐसे ही रखेंगे, वैसे ही रहना पड़ेगा। फिर वह मेरे पिता जी से पैसे की डिमांड करने लग गए ।अब उन्होंने सारा पीहर का सोना, मेरे कपड़े, मेरी बच्ची के कपड़े, उसका सोना सब अपने पास रख लिय। साथ देने से मना कर दिया।
19 दिसंबर को मेरे पापा ने रिक्वेस्ट की तब जाकर उन्होंने मीटिंग रखी और उस मीटिंग में सब अपनी डिमांड रखी और बता दिया कि इन कंडीशन में रहना पड़ेगा। उसके बाद मेरे घरवाले फिर भी मान गए और साइन करके आ गए। उस मीटिंग में यह बोल दिया और घर पर नहीं रखेगी और सोना वापस लूंगा। उस दिन मेरे मम्मी पापा को बहुत बुरा बुरा बोला।

कृपया मुझे मेरी बेटी और अनन्या को न्याय दिलाया जाए। गोविंद लाल मालपानी, सरोज मालपानी, आदित्य मालपानी, अनिरुद्ध मालपानी, बालकिशन जाजू को सजा दिलवाई जाए। जिससे किसी और लड़की के साथ ऐसा नहीं हो जो मेरे और मेरी बेटी के साथ ऐसा हुआ है। अब कोई भी लड़की शारीरिक व मानसिक, दहेज, बेटी होने, पर उसे टॉर्चर किया जाता है। ऐसा किसी भी लड़की के साथ में न हो। समाज से मेरी यही रिक्वेस्ट है कि मुझे और मेरी बेटी को न्याय दे।

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