शिमला ब्रेकिंग: कांस्टेबल को नौकरी से निकालने पर हिमाचल के पूर्व DGP संजय कुंडू और 3 एसपी समेत 10 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज

शिमला। हिमाचल प्रदेश में एक कांस्टेबल को नौकरी से निकालने के मामले में पूर्व डीजीपी संजय कुंडू, दो रिटायर्ड पुलिस ऑफिसर, 3 एसपी समेत 10 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। सक्षम अदालत के आदेश पर आईजी साउथ रेंज ने शिमला सदर पुलिस स्टेशन को केस दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. पूर्व डीजीपी संजय कुंडू समेत अन्य 10 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति एक्ट की धारा 3 (1)(P), एससी-एसटी एक्ट 1989 के तहत मुकदमा रजिस्टर हुआ है।

कांस्टेबल की पत्नी ने दर्ज करवाया मामला
नौकरी से निकाले गए कांस्टेबल धर्म सुख नेगी की पत्नी मीना नेगी की शिकायत के आधार पर ये एफआईआर दर्ज की गई है। जिसमें महिला ने पूर्व डीजीपी संजय कुंडू, पूर्व आईपीएस समेत अन्य पुलिस अधिकारियों पर पति के उत्पीड़न का आरोप लगाया था. कांस्टेबल और उसकी पत्नी जनजातीय जिला किन्नौर के रहने वाले हैं. ये मामला पूर्व की भाजपा सरकार के कार्यकाल का है. जब संजय कुंडू हिमाचल पुलिस के मुखिया थे।

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पुलिस अधिकारियों के खिलाफ गंभीर आरोप
महिला ने पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दर्ज शिकायत में बताया कि पुलिस के उच्च अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उसके पति धर्म सुख नेगी को नौकरी से निकाला है। महिला ने बताया है कि पुलिस अधिकारियों ने पहले उसके पति पर झूठे व मनगढ़ंत आरोप लगाए और फिर विभागीय जांच बैठा कर 9 जुलाई 2020 को जबरन बेइज्जत करके नौकरी से निकाल दिया. जबकि कांस्टेबल के तौर पर उसके पति का 8 वर्षों का सेवाकाल बचा हुआ था।

रिटायरमेंट बेनिफिट्स रोकने का आरोप
शिकायतकर्ता का कहना है कि उसके पति को पुलिस हेडक्वार्टर से आवंटित सरकारी आवास का बिना वर्क आउट के 1 लाख 43 हजार 424 रुपए का रेंट वसूलने के आदेश दिए. इसके अलावा 2020 से अब तक उनकी ग्रेच्युटी, डीसीआरजी और अन्य लाखों रुपयों का रिटायरमेंट बेनिफिट्स को रोक कर रखा गया है। महिला ने बताया कि उसके पति को सरकारी आवास को खाली करने को लेकर कई बार तत्कालीन डीजीपी संजय कुंडू और एसपी वेलफेयर ने जलील किया है. इसके लिए तत्कालीन डीजीपी और एसपी वेलफेयर द्वारा पुलिस आवासीय कॉलोनी भराड़ी और किन्नौर जिले के उनके पैतृक गांव रामनी में बार-बार नोटिस भेजकर उनके परिवार को समाज में जलील किया गया।

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आर्थिक व मानसिक पीड़ा पहुंचाने का आरोप
महिला ने शिकायत में बताया कि नवंबर 2023 को उन्होंने कोर्ट, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, मुख्य सचिव, गृह सचिव और एसपी शिमला को प्रार्थना पत्र देकर उनके परिवार पर हुए अत्याचार और अमानवीय व्यवहार की जानकारी भी दी थी। शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि पूर्व डीजीपी और अन्य पुलिस अधिकारियों ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उसके पति व परिवार को सामाजिक, आर्थिक व मानसिक तौर पर पीड़ा पहुंचाई है. जिससे आज उसका परिवार भुखमरी की कगार पर पहुंच गया है।

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इन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ FIR दर्ज
महिला द्वारा पूर्व डीजीपी संजय कुंडू, रिटायर आईपीएस हिमांशु मिश्रा और अरविंद शारदा, एसपी शालिनी अग्निहोत्री, दिवाकर दत्त शर्मा, अंजुम आरा खान, भगत सिंह ठाकुर, पंकज शर्मा, मीनाक्षी और डीएसपी बलदेव शर्मा के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई है। मामले में शिमला पुलिस ने अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति एक्ट की धारा 3(1)(P) के तहत एफआईआर दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।

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