हल्दचौड़ न्यूज: आश्वासनों की बारिश होती रही, मुकेश की छत टपकती रही और आज…
विक्की पाठक
मोटाहल्दू। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को छत मुहैय्या कराने के दावे सिर्फ फाइलों की शोभा बढा रहे हैं। सच यह है कि अभी भी गिरताऊ छत के नीचे लोग रहने को मजबूर है। क्षेत्र में सरकार की लाख कोशिशों के बाद भी कुछ गरीब व्यक्तियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। जिस कारण आज भी कुछ ऐसे परिवार है जो कच्चे मकान, छप्पर या झोपडी की छत के नीचे रह कर अपना जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है। इस बीच मानसून आने के बाद से क्षेत्र में लगातार हुई बारिश से एक तरफ लोगों को गर्मी से राहत है, वहीं दूसरी तरफ कई लोगों के सामने मुसीबत का पहाड़ खड़ा हो गया है।
ऐसा ही एक मामला आज लालकुआं विधानसभा के गंगापुर कबड़ाल हल्दूचौड़ गांव में देखने को मिला है। यहां रहने वाले मुकेश कुमार आर्य ने बताया कि उनकी आय कम होने के कारण वे आर्थिक रूप से कमजोर है।
उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वे पुराने मकान को तोड़ कर नया मकान बना सकें। आजतक उन्हें पीएम आवास का लाभ नहीं मिल पाया है। वहीं इस बरसात में कच्चा आशियाना भी भरभरा कर गिर गया। इतना ही नहीं घर में रखा सामान भी नीचे दबकर बर्बाद हो गया। उन्होंने बताया कि वो कई बार क्षेत्रीय विधायक के पास जाकर भी मदद की गुहार लगा चुके है, लेकिन आश्वासन के अलावा कुछ भी नही मिला, उन्होंने बताया कि वो परिवार के एकमात्र कमाने वाले व्यक्ति है, ऐसे में उनके सामने रोजी रोटी का संकट गहरा रहा है, मकान की छत भी धीरे- धीरे गिर रही है, लेकिन उनकी व उनके गरीब परिवार की कोई सुध लेने वाला नही है।
मुकेश कुमार आर्य का कहना है कि जनप्रतिनिधियों द्वारा केवल वादे किए जाते है, लेकिन बाद में कोई नजर तक नही आता है, यदि किसी योजना के तहत पहले थोड़ी बहुत धनराशि उपलब्ध कराये तभी वे मकान बनाने के लिए कोई कदम उठा सकते है।
बताया कि हल्की बारिश के बाद कच्ची छत से पानी टपकने लगता है। पूरा परिवार डर के साये में समय बीता रहा है, क्योंकि कभी छत न गिर जाए।
उनका कहना है कि एक तरफ सरकार गरीबों को योजना का लाभ देने का ढि़ढ़ोरा पीट रहा है। दूसरी ओर उनके जैसे कितने ही लोगों के सिर से छत ही हटने वाली है।