हल्दूचौड़/ खैरना : वीडियो, अल्मोड़ा से पहुंची एनडीआरएफ की टीम, रोहित का कोसी में नहीं लगा कोई सुराग, घर में मां बेहाल
हल्दूचौड़। यहां के गंगापुर कब्डवाल गांव में रहने वाले बदकिस्मत बाप चंद्र प्रकाश आर्या, जिसे यह तो मालूम है कि उसका जवान बेटा नदी में नाहते समय बह गया लेकिन बेटा जिंदा है या उसकी मौत हो गई इस बारे में उसके मन में असमंजस बना हुआ है। दिमाग कहता है तीन दिन तक बेटे का मिलने का मतलब उसकी मौत तय है लेकिन दिल कहता है उसके कलेजे का टुकड़ा जीवित है इसीलिए नदी में तीन दिन बाद भी नहीं मिला… कमोबेश यही हालत उनकी पत्नी कलावती की है। गांव मोहल्ले के लोग उन्हें ढांढस बंधाने आते हैं लेकिन क्या कहें समझ नहीं पाते…वे दिलासा दें तो किस बात का और कैसे।
सुनिए एक मां की दर्द भरी चित्कार…
नदी में डूबे बेटे का तीन दिन ने रास्ता निहार रही एक मां
हल्द्वानी के हल्दूचौड़ के गंगापुर कब्डवाल निवासी 25 वर्षीय रोहित कुमार आर्या 26 जून को अपने 18 वर्षीय छोटे भाई व कुछ अन्य दोस्तों के साथ पहाड़ की सैर को निकला था। रास्ते में गरम पानी के पास नावली क्षेत्र में कोसी नदी में नहाने का प्लान बना और रोहित नहाने के लिए नदी में उतर गया। वही पानी में ऐसा गया कि फिर वापस न आया, उसके डूबने की खबर पर एसडीआरएफ व पुलिस के गोताखोर मौके पर पहुंचे उसकी ढूंढ खोज शुरू हुई लेकिन आज तीन दिन हो चुके हैं अभी तक रोहित का पानी में कोई सुराग नहीं लगा। एसडीएफ और पुलिस लगातार रेस्क्यू अभियान चला रही है, लेकिन रोहित का अभी तक कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है आज एनडीआरएफ की एक टीम अल्मोड़ा से भी मौके पर पहुंची लेकिन इस टीम के सदस्यों में गोताखोर नहीं है। असलिए टीम नदी के किनारों को ही खंगाल रही है।
उनके कुछ रिश्तेदार पिछले तीन दिनों से खैरना में ही डेरा डाले बैठे हैं उनका कहना है कि जिस भंवर में रोहित के फंसे होने की आशंका है एसडीआरएफ के जवान वहां जा नहीं पा रही हैं। स्थानीय गोताखोर यह काम कर सकते हैंं लेकिन प्रशासन उन्हें नदी में उतरने की अनुमति नहीं दे रहा।
इधर बेटे के इंतजार में तड़प रही मां कलावती तीन दिन से भूखी प्यासी दरवाजे पर ही नजरें टिकाए बैठी है। छोटा बेटा परिजन उसे दिलासा दे रहे हैं लेकिन एक मां का दिल है कि बार बार चित्कार रहा है। वह अपने बेटे का चेहरा देखने के लिए तड़प रही है। अब तो नदी कुछ उगले तब ही दिल के संशय मिटें और आगे का जीवन पटरी पर आए…