राजनीति की हांडी …#हल्द्वानी : जिताऊ उम्मीदवार खोना नहीं चाहती भाजपा, दिल्ली में हरक और काऊ की जेपी नड्डा से पौन घंटे हुई चर्चा, प्रीतम के साथ एक ही विमान में गए
हल्द्वानी। जिस तरह क्रिकेट मैच में हर कोई टीम जिताऊ खिलाड़ी को अपने टीम में रखना चाहती है, उसी तरह राजनीतिक पार्टियां भी अपनी टीम के जिताउ उम्मीदवार को नहीं खोना चाहते हैं। भले ही वह तुनक मिजाज क्यों न हो।
आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर उत्तराखंड में भी आजकल कुछ इसी तरह की खिचड़ी राजनीति की हांडी में पक रही है। भाजपा से यशपाल आर्य और उनके पुत्र संजीव आर्य के कांग्रेस में शामिल होने के बाद भाजपा प्रदेश से लेकर केंद्र तक चौकन्ना हो गई है।
वह अपने टीम के जिताऊ उम्मीदवार को कांग्रेस में नहीं जाने देने के लिए सतर्क हो गई है। वरिष्ठ कबिना मंत्री हरक सिंह रावत और विधायक उमेश शर्मा काऊ ने मीडिया के समक्ष अपने ही पार्टी के नेताओं के खिलाफ टिप्पणी की थी, जिससे इन लोगों के कांग्रेस में जाने की चर्चाएं राजनीतिक गलियारों में कुलांचें मारने लगी थीं।
इससे भाजपा खेमे में खलबली मच गई। कुछ दिन पूर्व हरक सिंह रावत को कोटद्वार से लौटते वक्त भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने हरिद्वार में रुकने के लिए कहा। बंद कमरे में दोनों नेताओं की एक घंटे गुफ्तगू हुई। क्या बात हुई यह अब भी राज बना हुआ।
इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के महापापियों वाले बयान से काऊ और हरक की घर वापसी पर कयास थमने से लगे। उनकी बातों से साफ लग रहा था, वह अपने पूर्व कांग्रेसियों की वापसी तो चाहते हैं। लेकिन, उन्होंने सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की शर्त रख दी।
शनिवार को अचानक दोनों नेताओं को हाईकमान ने दिल्ली बुलाया। हाईकमान के निर्देश पर दोनों नेताओं ने दिल्ली दरबार में हाजिरी दी। दोनों नेताओं की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी से करीब 45 मिनट तक बात हुई। सूत्रों के मुताबिक तीन-चार दिन के भीतर गृह मंत्री अमित शाह हरक सिंह रावत को दिल्ली बुला सकते हैं। उन्हें प्रदेश में बड़ी जिम्मेदारी दिए जाने पर चर्चाओं का बाजार गर्म है।
संभवत: उन्हें चुनाव प्रचार के दौरान खास जिम्मेदारी दी जा सकती है। उमेश शर्मा काऊ के मुद्दे का निस्तारण का आश्वासन दिया गया है। दरअसल, राजधानी में लंबे समय से पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और काऊ के समर्थकों में जुबानी जंग चल रही है। एक और बड़ी खबर यह भी सामने आ रही है कि नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह भी उनके साथ दिल्ली एक ही विमान में गए। यह इतेफाक था या राजनीति की हांडी में कुछ और ही पक रहा है। यह भविष्य के गर्भ में छुपा है।
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