ब्रेकिंग न्यूज … #जिंदगी से हार : यहां दिगंबर जैन मुनि ने फांसी पर लटकर दे दी जान

इंदौर। यहां एक दिगंबर जैन संत ने परदेसीपुरा इलाके में एक धर्मशाला के अंदर फांसी लगा कर अपनी इहलीला समाप्त कर ली। संत का नाम आचार्य श्री 108 विमद सागर महाराज बताया जा रहा है। घटना कल शाम की है। वे इंदौर में चातुर्मास के सिलसिले में आए थे। पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है।


घटना की जानकारी मितले ही सैकड़ों जैन श्रद्धालु घटनास्थल पर जा जुटे। जैन संत ने फांसी म्क्यों लगाई इसका अभी तक खुलासा नहीं हो सका है। CSP निहित उपाध्याय ने बताया धर्मशाला में संत का शव पंखे से लटका हुआ था और दरवाजा अंदर से बंद था। समाज के लोगों ने उन्हें उतारा। मौत संदिग्ध परिस्थितियों में हुई है इसलिए कानूनी तरीके से पूरी जांच होगी।
उपाध्याय के अनुसार नंदा नगर में जैन मंदिर के नजदीक एक धर्मशाला में जैन मुनि रुके हुए थे। जानकारी मिलने के बाद परदेसीपुरा थाना प्रभारी सहित अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। वहीं, एफएसएल की टीम सहित जैन समाज के कई लोगों का भी तांता लगा है।

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45 साल के जैन संत सागर जिले के शाहगढ़ के रहने वाले थे। 3 दिन पहले वह एरोड्रम स्थित एक कॉलोनी से इंदौर के 3 नंबर गली नंदा नगर में चातुर्मास के लिए आए थे। शनिवार शाम साढ़े 4 बजे इनके शिष्य अनिल जैन ने पंखे से फंदे पर लटके देखा। उन्होंने पुलिस को सूचना दी।

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पाश्वनार्थ दिगंबर जैन मंदिर नंदा नगर प्रबंधन से मिली जानकारी के मुताबिक आचार्य विमद सागर महाराज 27 अक्टूबर को एरोड्रम क्षेत्र के लीड्स से नंदानगर स्थित मंदिर आए थे। यहां रोजाना सुबह 9 से 10 बजे तक उनके प्रवचन होते थे। इसके बाद वे एक दिन छोड़कर आहारचर्या करते थे। शनिवार को भी वे आहारचर्या पर गए थे। दोपहर करीब ढाई बजे सामयिक के लिए पहुंचे। शाम को समाजजनों को घटना का पता चला।

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श्रद्धालुओं ने बताया कि आचार्य ने नमक, तेल, शक्कर, दूध का आजीवन त्याग कर रखा था। आचार्य के आहारचर्या के दौरान उनका आहार भी शुद्धता के साथ तैयार किया जाता था। आचार्यश्री खड़े होकर साधना करते थे।

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