हिमाचल… #उपचुनाव : मोदी की जय जयकार के सहारे पार लगने की जुगत में नाव ही डुबा बैठे जयराम

तेजपाल नेगी
शिमला।
हिमाचल में भी वहीं हुआ जिसका अंदेशा था। भाजपा को तीन विधानसभा और एक लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने चारों खाने चित्त कर दिया। मुख्यमंत्री इसे महंगाई की मार तो राजनीति के जानकर इसे नड्डा और धूमल के बीच की प्रतिष्ठा की लड़ाई बता रहे हैं। जो भी हो भाजपा की जयराम सरकार के लिए उपचुनावों के नतीजे बड़ी चेतावनी से कम नहीं है। साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के गृह राज्य में ही भाजपा की यह दुर्गति राष्ट्रीय नेतृत्व के लिए भी चिंता का सबब है। आज दोपहर बाद जैसे ही आधिकारिक रूप से उप चुनावों के नतीजों का ऐलान हुआ हिमाचल के राजनैतिक गलियारों में यह चर्चा तैरने लगी कि आने वाले दिन हिमाचल सरकार के लिए कांटों भरे होंगे। कहीं तो यह भी चर्चाएं होने लगीं कि जयराम को पार्टी नेतृत्व अब जय श्रीराम बोलने जा रहा है। कुछ लोग तो सीधे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा पर ही हमलावर थे। वे भी यहीं के रहने वाले हैं और माना जा रहा है कि भाजपा का एक धड़ा उनके विपरीत काम कर रहा है।

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शाम होते होते मुख्यमंत्री का मीडिरूा के सामने पदार्पण हुआ और उन्होंने मीडिया को अपना ज्ञान दिया कि भाजपा की यह गत महंगाई ने की है। वे ऐसे कह रहे थे जैसे कोई नई बात कह रहे हों। जनता तो अरसे से महंगाई का रोना रो रही है तब यहीं ठाकुर साहब देश भक्ति और धर्म की शिक्षा दे रहे थे।


जो भी हो फिलहाल सच्चाई यह है कि भाजपा ने विधानसभा की तीनों सीटों पर उपचुनाव गंवा दिया है। मंडी लोकसभा सीट भी कांग्रेस ने भाजपा से छीन ली है। दरअसल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने मीडिया के सामने अर्धसत्य बयान किया। कांग्रेस की उपचुनाव में क्लीन ​स्वीप के पीछे सिर्फ महंगाई ही कारण नहीं रही। बेरोजगारी, कोरोना से लेकर अन्य स्वास्थ्य सेवाओं में सरकार का कुप्रबंधन,जनहित विरोधी नीतियों पर केंद्र सरकार की हठधर्मिता और राज्य सरकार की केंद्र की हां में हां। केंद्र की गोदी में बैठे अडानी और अंबानी का हिमाचल में प्रवेश और किसानों बागवानों से खुली लूट व भाजपा नेताओं के अलग अलग धड़े। सारे कारण मिलकर जयराम सरकार की हार की वजह बने।

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प्रदेश सरकार की सबसे बड़ी गलत फहमी भी इस उपचुनाव ने दूर कर दी। जयराम हों या उनकी कैबिनेट के साथ सब मोदी नाम के मंत्र का जाप करके उपचुनाव की अपनी नाव को चुनावी सागर से पार लगाने के चक्कर में थे। दरअसल नके पास उपलब्धि के नाम पर मोदी के अलावा कुछ था भी नहीं।


उपचुनावों के नतीजों को विपक्ष यानी कांग्रेस भी अपनी उपलब्धि न समझे। यह जीत भाजपा के प्रदेश व केंद्र सरकार ने कांग्रेस को थाली में परोस कर दी हैं। आम जनता से जुड़े कई मुद्दे सरकार ने खुद ही पनपाए। कांग्रेस को तो सिर्फ बना बनाया खाने को मिला है।


भाजपा के लिए सबसे बड़ी दिक्कत पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का हिमाचल से होना बन गया है। उनकी पुरानी खुंदकें अब हिमाचल में पार्टी को भारी पड़ रही है। जयराम सरकार के पास अभी भी वक्त है खोई हुई साख को बचाने की। वक्त है सरकार जागे और जनता के बीच जाकर उसकी समस्याओं को समझ कर उन्हें दूर करने का प्रयास करे। यह सही है जनता की याददाश्त बहुत कमजोर होती है, पर इसका मतलब यह कतई नहीं है कि जनता आपकी लगाम कसना भूल चुकी है। जनता ने हिमाचल में सरकार की लगाम खींचकर बता दिया है कि घोड़े की लगाम उसके हाथ में ही है। आप भी सुन रहे हैं न मोदी जी….

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