बिलासपुर न्यूज: विधायक त्रिलोक जमवाल ने जल शक्ति विभाग की कार्यप्रणाली पर उठाए सवाल
सुमन डोगरा, बिलासपुर। बिलासपुर सदर के विधायक त्रिलोक जमवाल ने पेयजल समस्या को लेकर जल शक्ति विभाग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने के साथ ही प्रदेश सरकार को भी आड़े हाथों लिया है। उन्होंने कहा कि बिलासपुर शहर समेत पूरे विधानसभा क्षेत्र में लोग पानी की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं। लोगों द्वारा बार-बार शिकायत करने के बावजूद इसे गंभीरता से नहीं लिया जा रहा है। चुनावी बेला में कांग्रेस सरकार आसमान से तारे तोड़कर लाने जैसे वादे कर रही है, लेकिन लोगों को पानी जैसी मूलभूत सुविधा तक उपलब्ध करवाने में नाकाम इस सरकार के चुनावी वादों की हकीकत का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। यदि समस्या का समाधान तुरंत नहीं किया गया तो धरना देकर प्रदर्शन किया जाएगा।
त्रिलोक जमवाल ने कहा कि पिछले कई दिनों से वह सदर विधानसभा क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं। पूरे विधानसभा क्षेत्र में ऐसी एक भी पंचायत नहीं मिल पाई है, जहां लोगों ने पानी की समस्या की शिकायत नहीं की हो। यहां तक कि बिलासपुर शहर में भी लोग पानी के गंभीर संकट से जूझ रहे हैं। लोगों के अनुसार ज्यादातर पेयजल स्रोतों में पानी की कमी नहीं है, लेकिन विभाग में अव्यवस्था की वजह से उन्हें समस्या झेलनी पड़ रही है। वे जल शक्ति विभाग के फील्ड स्टाफ से लेकर अधिकारियों को कई बार समस्या से अवगत करवा चुके हैं, लेकिन उस ओर से कभी मोटरें खराब होने का बहाना बनाकर और कभी आश्वासन देकर पल्लू झाड़ लिया जाता है। इसकी वजह से उन्हें पानी की जरूरत पूरी करने के लिए टैंकर खरीदने पड़ रहे हैं। इससे उनकी जेब पर बेवजह चपत लग रही है।
त्रिलोक जमवाल ने कहा कि लोग पेयजल समस्या से त्रस्त हैं, लेकिन मुख्यमंत्री से लेकर कांग्रेस सरकार के सभी मंत्री और विधायक केवल चुनाव प्रचार में व्यस्त हैं। प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज नजर नहीं आ रही है। जल शक्ति विभाग उप मुख्यमंत्री के पास है।
चुनाव प्रचार के दौरान मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्री, अन्य मंत्री और कांग्रेस के विधायक जनता से बड़े-बड़े वादे करके लोगों को तरह-तरह के सपने दिखा रहे हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस के वादे और गारंटियां पूरी होना तो दूर, जो सरकार लोगों को पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा भी उपलब्ध नहीं करवा पाए, उससे और क्या उम्मीद रखी जा सकती है। सरकार भले ही संवेदनहीन हो चुकी हो, लेकिन अधिकारी अपना दायित्व सही ढंग से निभाएं। जल शक्ति विभाग के अधिशासी अभियंता को समस्या का समाधान तत्काल करने के लिए कहा गया है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो धरना-प्रदर्शन किया जाएगा। इसके लिए सरकार व विभाग जिम्मेदार होंगे।