काशीपुर न्यूज : डिग्री कालेज में आपदा प्रबंधन पर दो दिवसीय कार्यशाला

काशीपुर। राधेहरि राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय की ओर से आपदा प्रबंधन युक्तियां विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय वर्चुअल कार्यशाला का समापन राष्ट्रगान के साथ किया गया।

मंगलवार को आयोजित कार्यशाला का शुभारंभ सरस्वती वंदना के साथ हुआ। उप आयोजक सचिव डॉ. नीरज शुक्ला ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। कार्यशाला समन्वयक डॉ. महिपाल सिंह ने विस्तार से जानकारी दी। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन भारत सरकार के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. अमित प्रताप ने आपदा प्रबंधन के क्षेत्र में विभाग द्वारा विकसित की गई तकनीकियों के बारे में विस्तार से चर्चा की। प्रथम तकनीकी सत्र में केंद्रीय विश्वविद्यालय धर्मशाला हिमाचल प्रदेश के वाइस चांसलर प्रो. एके महाजन ने आपदा प्रबंधन चक्र की व्याख्या कर आपदाओं को कम करने के उपायों पर चर्चा की।

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उन्होंने कहा कि आपदाओं के कारण भौगोलिक व सामाजिक पर्यावरण पर पड़ने वाले प्रभाव और भवन निर्माण में ली जाने वाली सावधानियों के बारे में बताया। द्वितीय सत्र में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान नई दिल्ली के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष प्रो. चंदन घोष ने एनिमेशन के माध्यम से भू-स्खलन के कारण, प्रभाव, आपदाओं को रोकने की स्थानीय तकनीक और बाढ के पानी को रोकने की विधियों के बारे में बताया। बुधवार को जल शिक्षण संस्थान बागेश्वर निदेशक डॉ. जितेंद्र तिवारी ने स्लाइड के माध्यम से जल तथा मौसमी आपदा के कारण, प्रभाव एवं उपयों पर चर्चा की। उन्होंने जैविक, उधोग-धंधों आपदाओं से सतर्क किया। उन्होंने मानव निर्मित आपदाओं वनों का कटाव और आपदाओं का कृषि पर कुप्रभावों आदि का वर्णन किया।

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खोज एवं बचाव जिला आपदा प्रबंधन ऑथोरिटी बागेश्वर फैकल्टी एवं मास्टर ट्रेनर भुवन चंद्र चौबे ने खोज तथा बचाव में प्रयुक्त होने वाले यंत्र, उपकरणों का उपयोग करने के बारे में बताया। आपदाओं पर आधारित लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया गया। कार्यशाला में देश के बिहार, छत्तीसगढ, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडू, यूपी, उत्तराखंड के साथ-साथ विदेशी इथोपिया के करीब 650 विद्यार्थी, शिक्षक, सामाजिक कार्यकर्ता, आम जनता, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाइड प्रतिभाग किया। गूगल मीट पर आयोजित कार्यशाला का सीधा प्रसारण यू-टयूब पर किया गया। सहायक अध्यापक डॉ. लक्ष्मी देवी ने भूगोल के माध्यम से विभिन्न आपदाओं पर चर्चा की। वहां पर डॉ. रीता सचान, डॉ. एके मौर्य, डॉ. जानकी सुयाल, डॉ. मीना शर्मा, डॉ. आशा राणा, डॉ. अहमद परवेज, डॉ. ममता जोशी, दीपक कुमार, अखिलेश कांडपाल, यशराज जोशी आदि थे। 

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