कौन सुनेगा, किसको सुनाएं @ नालागढ़ : खुले में थूकने पर पाबंदी लेकिन पूरे शहर के कचरे के लिए बना दिया सेरी गांव को अघोषित डंपिंग जोन

नालागढ़। एक तरफ हिमाचल सरकार स्वच्छता अभियान पर करोड़ों रुपए खर्च करके पूरे प्रदेश को स्वच्छ और साफ सुथरा वातावरण देने की बात कर रही है, वहीं दूसरी ओर प्रदेश के सबसे बड़े औद्योगिक क्षेत्र नालागढ़ में स्वच्छता अभियान की सरेआम धज्जियां उड़ती हुई साफ देखी जा सकती है। पूरे नालागढ़ शहर के कचरे को उठाने की जिम्मेदारी एक निजी कंपनी को दी गई है और नगर परिषद नालागढ़ व बद्दी बरोटीवाला नालागढ़ विकास प्राधिकरण के माध्यम से क्षेत्र से कचरा उठाकर केंदुवाल में स्थित कचरा प्लांट तक छोड़ने की जिम्मेवारी ज्ञी इसी कंपनी को है। लेकिन नालागढ़ के रामशहर मार्ग पर स्थित सेरी गांव में सरकारी नियमों को ताक पर रखकर निजी कंपनी ने अघोषित डंपिंग जोन बना दिया गया है।


अब यह कचरा घर लोगों के लिए सिरदर्द बन चुका है, क्योंकि इस डंपिंग जोन से आने वाली दुर्गांध से लोग खासे परेशान हो चुके हैं। इस कचरे की वजह से लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं। लोगों ने सरकार व प्रशासन से जल्द इस अघोषित डंपिंग जोन का कचरा यहां से उठवाने की मांग उठाई है

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इस बारे में मीडिया से बातचीत करते हुए नगर परिषद नालागढ़ के वार्ड नंबर सात से पार्षद अमरिंदर सिंह भिंडर का कहना है कि जब से इस क्षेत्र में कचरा फेंका जाने लगा है तब से लेकर वह इसके खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। लेकिन बीते दिनों डीसी सोलन का भी नालागढ़ में दौरा था तो उनके समक्ष भी यह मुद्दा उठाया गया लेकिन ना तो डीसी ने इस पर एक्शन लिया और ना ही एसडीएम नालागढ़ और नगर परिषद के अधिकारी इस पर कोई कार्रवाई कर रहे हैं। उन्होंने सरकार व उच्च अधिकारियों से इस डंपिंग साइट को यहां से हटाने की मांग उठाई है।
नालागढ़ विकास मंच के अध्यक्ष नरेश घई ने बताया कि पहले सुबह और शाम की सैर के लिए लोग इस मार्ग पर आते थे, लेकिन जब से यहां पर कचरा फेंका जानो लगा है तब से यहां लोगों का आना-जाना बिल्कुल कम हो चुका है।

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इस डंपिंग साइट के कारण लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। लोग बीमारियों की चपेट में आने लगे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार इस डंपिंग साइट को यहां से बंद करवाएं।
आपको बता दें कि बीते दिनों हिमाचल सरकार द्वारा एक निर्देश जारी किए गए थे जिसमें कहा गया था कि अगर कोई खुले में थूकता और खुले में कचरा फैलता पाया जाता है तो उसके खिलाफ मामला भी दर्ज किया जाएगा, लेकिन यहां पर पूरे शहर का कचरा गाड़ियों में उठाकर पहाड़ी हलके के सेरी गांव में शरेआम फेंका जा रहा है। इसके बावजूद ना तो कचरा फेंकने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है और ना ही जिन लोगों ने इन्हें बिना किसी अनुमति के डंपिंग साइड बनाने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई की गई है। अब स्थानीय ग्रामीणों में एकत्रित होकर सरकार व स्थानीय प्रशासन को चेतावनी देकर कहा है कि अगर जल्द ही इस कचरा प्लांट को बंद नहीं किया गया तो लोग सड़कों पर उतर कर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होगी।


इस बारे में जब हमने कचरा उठाने वाली जेबीआर कंपनी के नालागढ़ इंचार्ज महेंद्र ठाकुर से बात की तो उन्होंने कहा है कि उन्हें नगर परिषद नालागढ़ द्वारा यहां पर कचरा फेंकने के लिए कहा गया है उनका कहना है कि इस डंपिंग साइट की एनओसी तो नहीं है, लेकिन नगर परिषद द्वारा ही उन्हें जहां बोला जाएगा वहां पर वह कचरा फेंकेगे ।

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इस बारे में जब हमने एसडीएम नालागढ़ महेंद्र पाल गुज्जर से बात करने की कोशिश की गई तो उनके द्वारा फोन ही नहीं उठाया गया।
वही इस बारे में जब हमने डीसी सोलन कृतिका कुल्हाड़ी से भी बातचीत करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने भी फोन नहीं उठाया।

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