हिमाचल…सेवा योजना से सेवा : निरमंड के आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में एनएसएस का सात दिवसीय शिविर संपन्न

निरमंड (हिमाचल प्रदेश) । राजमाता शांति देवी आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला निरमंड में एन एसएस इकाई द्वारा चलाया जा रहा सात दिवसीय विशेष शिविर संपन्न हो गया । इस शिविर में 50 स्वयं सेवियों ने हिस्सा लिया।

समापन अवसर पर सेवा निवृत कार्यक्रम अधिकारी व कुल्लू जिला मनरेगा लोकायुक्त सत्यपाल वर्मा ने बतौर मुख्य अतिथि के रुप में शिरकत की। कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना के साथ हुई मुख्य अतिथि ने ज्योति प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की। इसके पश्चात स्वयं शिविर ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया।

यूनिट की तरफ से इकाई के कार्यक्रम अधिकारी रवि शर्मा ने मुख्य अतिथि को एनएसएस कैप व मफलर पहनाकर सम्मानित किया। अपने संबोधन में मुख्य अतिथि सत्यपाल वर्मा ने कहा कि वे सौभाग्यशाली है कि उन्हें इस तरह के कैंप का हिस्सा बनने का मौका मिला। इस तरह का मौका सभी को नहीं मिल पाता है।

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उन्होंने कहा कि इस तरह के कैंप से बच्चों के बहुमुखी विकास होता है । उन्होंने बच्चों को कैरियर से संबंधित महत्वपूर्ण टिप्स भी दिए। कैंप प्रभारी हेमलता ने संध्या वर्मा व गीता देवी तथा पदमचंद को भी सम्मानित किया । इस कैंप की बच्चों को जीवन भर चिर स्मरणीय यादें रहेंगी । इस अवसर पर एनएसएस के कार्यक्रम रवि शर्मा, संध्या वर्मा, कैंप प्रभारी हेम लता, गीता देवी व पदमचंद भी उपस्थित थे।
इस तरह के कैंप से होता है व्यक्तित्व का विकास
कार्यक्रम अधिकारी रवि शर्मा ने बताया कि इस तरह के कैंप के आयोजन में बच्चों के व्यक्तित्व के निखारने पर जोर दिया गया और वे छात्र और छात्राएं जिनकी पहले दिन उपस्थिति कार्यक्रमों में नगण्य थी, लेकिन बाद के दिनों वे बिना किसी झिझक के अपनी प्रतिभा को दिखाने में सक्षम हुए।
एनएसएस की एक यूनिट में प्रतिवर्ष 100 से अधिक छात्र-छात्राओं का पंजीकरण किया जाता है लेकिन 2 साल के इस कार्यक्रम में छात्रों और छात्राओं को सिर्फ एक बार ही कैप लगाने का मौका मिलता है वह भी छात्र छात्राओं को पूरे 7 दिन में कैम्प स्थल पर रहना होता है ।
उन्होंने बताया कि सात दिवसीय शिविर में विभिन्न तरह की गतिविधियां होती है। जिसका शेड्यूल्स सुबह से लेकर शाम तक रहता है। जिसमें विभिन्न तरह की अलग-अलग गतिविधियां छात्र-छात्राओं के माध्यम से समाज के लिए की जाती है। उन्होंने बताया कि शिविर की यादें जीवन के लिए चिर स्मरणीय रहती है।
सात दिवसीय शिविर जब समाप्त होता है तो बच्चे आपस में इस तरह घुल मिल जाते हैं कि बच्चे 7 दिन के बाद भी घर नहीं जाना चाहते और सभी का आपस में एक पारिवारिक रिश्ता जैसा बन जाता है । 240 घंटे का होता है कार्यक्रम सात दिवसीय शिविर व 2 वर्ष में विभिन्न गतिविधियों के तहत छात्रों को 240 घंटे पूरे करने होते हैं |
2 वर्ष का कार्यक्रम पूरा करने के बाद एनएसएस के स्वयंसेवकों शिक्षा निदेशालय शिमला द्वारा प्रमाण पत्र जारी किया जाता है ।
एनएसएस में शामिल होने वाले स्वय सेवी को जॉब में एनएसएस के अलग से नंबर दिए जाते हैं।

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