गंगोलीहाट…देखिए मोदी जी आपकी योजनाओं का ऐसे बनाया जा रहा मजाक, दुकानदार ने बैंक प्रबंधन के साथ मिल कर बांट दिए ऋण, केस दर्ज
गंगोलीहाट। यहां स्थित यूनियन बैंक की शाखा में हुए लोन घोटाले की परतें अब पुलिस खोलेगी। पुलिस अधीक्षक के आदेश पर गंगोलीहाट थाने में इस मामले में आईपीसी की धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में एक व्यक्ति को नामजद कराया गया है।
मामला वर्ष 2019 का है। शिकायतकर्ता नीरज कुमार के अनुसार यूनियन बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक हितेश पांडे गंगालीहाट के एक व्यक्ति प्रकाश जोशी के साथ अग्रौन गांव में आए थे। उन्होंने गांव में लोगों को सरकार द्वारा चलाई जा रही ऋण योजनाओं की जानकारी दी थी। इसके बाद श्किायतकर्ता नीरज कुमार व गांव के कई अन्य लोग बैंक की शाखा में गाए।
उनका कहना है कि शाखा प्रबंधक हितेश पांडे ने उन्हें बताया कि बैंक से उनका ऋण हो जाएगा लेकिन ऋण संबधी सभी फार्म प्रकाश जोशी की दुकान पर रखे हैं। इसलिए वे प्रकाश जोशी से ही संपर्क करें।
नीरज ने बताया कि इसके बाद वे लोग प्रकाश जोशी के पास गए, प्रकाश जोशी ने उनसे आधार कार्ड व पेन कार्ड की छाया प्रतियां हस्ताक्षर करवा कर मांगी। उन्होंने दोनों दस्तावेज प्रकाश जोशी को उपलब्ध करा दिए। इसके लगभग एक सप्ताह बाद अग्रौन गांव के सात लोगों नीरज कुमार,दिवान राम, नवीन राम, कृष्ण राम, कमलेश पन्त व पुष्कर राम को प्रकाश जोशी ने दुकान पर बुलाकर पचास से साठ हजार रूपये नकदी थमाते हुए कहा कि यह उनके ऋण की पहली किस्त है। अगली किस्त कुछ माह बाद उन्हें मिल जएगी। लेकिन इसके बाद वे बैंक के चक्कर काटते रहे लेकिन अगली किश्त न मिलनी थी और न ही मिली।
नीरज ने बताया कि इसके बाद बैंक के नोटिस उन्हें मिलने लगे। तब उन्हें पता चला कि बैंक से उनके नाम पर ढाई से साढ़े तीन लाख रूपये का ऋण निकाला जा चुका है। उनकी ऋण फाइलों में बाकायदा उनके हस्ताक्षर भी दर्ज है। जबकि उनका कहना हैकि उन्होंने किसी भी दस्तावेज पर हस्ताक्षर करे ही नहीं है। सिर्फ अपने आधार कार्ड और पैन कार्ड की छायाप्रतियों पर उनके हस्ताक्षर हैं।
इसके बाद बैंक के नोटिस लगातार उनके घर पहुंचते रहे। बैंक के नाम पर लोग उन्हें फोन करके धमका रहे हैं कि उनकी जमीन व घर नीलाम करके बेंक अपना ऋण वसूल कर लेगा। इससे पहले ठगी का शिकार हुए डेढ दर्जन से अधिक लोगों ने बैंक के शाखा प्रंबंधक क घेराव भी किया था। लेकिन बैंक ने शाखा प्रबंधक का रातों रात स्थनांतरण करके कहीं और भेज दिया। प्रकाश जोशी की दुकान पर जाकर भी पीड़ितों ने खूब शोर शराबा किया।
लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं निकला। डरे हुए ग्रामीणों ने बैंक की किश्तें व ब्याज भी जमा करवाया लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर लोग लिए बिना सिर पर चढ़ गए इस लोन के कर्ज की किश्ते नियमित रूप से कैसे दे पाते। किश्ते टूटी तो बैंक से उन्हें धमकी भरे फोन आनेलगे। बैंक के अधिकारी उनके घरों पर ही आ धमकने लगे। अकेले अग्रौन गांव में ही सात पीड़ित हैं। दूसरे गांव के अभी तक 19 लोगों के नामों का खुलासा हो चुका है जो प्रकाश जोशी के बिछज्ञए हुए जाल में फंसे।
गत दिनों नीरज कुमार अपनी व्यथा लेकर एसपी पिथौरागढ़ से मिलने पहुंचे। एसपी के निर्देश पर कल रत गंगोलीहाट पुलिस ने प्रकाश जोशी को नामजद करते हुए आपीसी की धारा 420 के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। अब तीन साल बाद ग्रामीणों को आशा जगी है कि उनके साथ न्याय हो सकेगा।