श्रीमद् देवी भागवत सभी पुराणों में अतिश्रेष्ठ है: स्वामी हरिचेतनानंद

रामशहर। स्वयं प्रगट दुर्गा माता मंदिर मित्तियां रामशहर में चैत्र नवरात्र नव संवत्सर के अवसर पर श्रीमद् देवी भागवत पुराण कथा का शुभारंभ भव्य शोभा यात्रा के साथ हुआ ।

हरिद्वार से आए महामंडलेश्वर स्वामी श्री हरि चेतनानंद जी ने कहा सनातन धर्म में नव संवत्सर का विशेष महत्व है। नवरात्र में श्रीमद् देवी भागवत श्रवण का विशेष फल है। शक्ति के उपासक इस पुराण को शाक्त भागवत कहते हैं। भगवती आदिशक्ति की महिमा अनंत है। मनुष्य सबसे अधिक श्रद्धा स्वाभाविक रूप से मां के चरणों में अर्पित करता है। महाशक्ति ही परम ब्रह्म के रूप में प्रतिष्ठित है । शक्तिहीन मनुष्य का कहीं भी कोई आधार नहीं होता।

उन्होंने कहा कि श्रीमद् देवी भागवत सभी पुराणों में अति श्रेष्ठ है। जिसमें तीनों लोकों की जननी साक्षात सनातनी भगवती की महिमा गाई गई है । चैत्र नवरात्र में विशेष श्रद्धा के साथ उच्च विचारों से युक्त होकर पुराणों का सार स्वरूप समस्त वेदों की तुलना करने वाला परिपूर्ण देवी चरित्र श्रवण करने से शक्ति का उपासक ऐश्वर्य और ज्ञान से संपन्न हो जाता है। जिस घर में नित्य भगवती का पूजन होता है।

उन्होंने कहा कि वह घर तीर्थ रूप हो जाता है। उसमें निवास करने वाले लोगों का पाप समाप्त हो जाता है ।शक्ति की उपासना से मनुष्य शक्तिमान बनता है। शक्ति का जागरण करें नवरात्रि में नित्य भगवती का दर्शन करें । दुर्गा सप्तशती का पाठ करें ।
स्वयं प्रकट दुर्गा माता मंदिर में प्रबंध कमेटी के सदस्य एवं भक्तों द्वारा स्वयं प्रगट दुर्गा माता की आरती उतारी गई, 17 अप्रैल रामनवमी तक देवी भागवत कथा दोपहर 1 बजे से 5बजे तक नित्य होगी।

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