चमोली—–जनपद चमोली में केशवानंद सती और विनीता कठेत को सोंपी गयी पार्टी की कमान
चमोली- उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी का जिला सम्मेलन नगरपालिका सभागार, गोपेश्वर में सम्पन्न हुवा। इस अवसर पर जिला प्रभारी अब्बल सिंह भंडारी के निर्देशन में सम्मलेन में सर्वसम्मति से जनपद चमोली जिले की कार्यकारिणी का गठन किया गया। जिसमें जिला अध्यक्ष पद पर केशवानंद सती और महिला प्रकोष्ठ में विनीता कठेत को जिला अध्यक्ष चुना गया।
इसके अतरिक्त रघुबीर भंडारी उपाध्यक्ष, दिनेश गौड़ जिला महामंत्री, चंद्रमणि मंदोली कोषाध्यक्ष, वीरेंद्र सिंह भंडारी मीडिया प्रभारी, यसोदा देवी उपाध्यक्ष, पंकज नेगी, जिला महामंत्री (युवा प्रकोष्ठ) गीता देवी मीडिया सहप्रभारी, गोपालराम जिला महामंत्री निर्वाचित हुवे। घनानंद देवराड़ी आदि कार्यकारिणी सदस्य निर्वाचित हुवे. सम्मलेन में पार्टी के केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी, प्रधान महासचिव प्रभात ध्यानी, उपाध्यक्ष कुलदीप मधवाल, उपाध्यक्ष आनंदी वर्मा, महासचिव नरेश नौड़ियाल, महासचिव एडवोकेट नारायण राम सहित कार्यकारिणी सदस्य, प्रकाश जोशी, बी डी असनोड़ा, जसवंत बिष्ट, उत्तराखंड छात्र संगठन के दीपांशु पांडे सहित अन्य सदस्य सम्मिलित हुवे। सम्मलेन का संचालन जिला प्रभारी अब्बल सिंह भंडारी द्वारा किया गया।
सम्मलेन में उत्तराखंडी अस्मिता की रक्षा के लिए, गैरसैण राजधानी निर्माण, भू माफिया से पहाड़ बचाने, राज्य में युवाओं के रोजगार के अधिकार को सुनिश्चित करने, पहाड़ के लिए अभिशाप बन रही और पूंजीपतियों के हित में लागू की जा रही योजनाओं और नीतियों के विरोध में निर्णायक संघर्ष करने का संकल्प लिया गया।
इस अवसर पर केंद्रीय अध्यक्ष पी सी तिवारी ने अपने सम्बोधन में कहाँ की उत्तराखंड बनने के 23 वर्षों में एक ओर राज्य की अवधारणा तेजी से ध्वस्त हो रही है और दूसरी ओर प्राकृतिक संसाधनों, जमीनों की निर्मम लूट से उत्तराखंड बेहाल है। हिमालयी क्षेत्र में कश्मीर से लेकर अरुणाचल तक केवल उत्तराखंड ही एक ऐसा राज्य है जो पूंजीपतियों, भू माफियाओं को किसी न किसी बहाने असीमित जमीन हथियाने व संसाधनों को लूटने की खुली छूट दे रहा है। कोरोना काल के बाद इस लूट खसोट में अभूतपूर्व तेजी आई है। चुनाव से पहले सशक्त भू कानून की मांग करने वाली सरकारें, राजनेता, जनप्रतिनिधियों की जीवन-मरण के इस प्रश्न पर रहस्यमई चुप्पी जनता के मन में अनेक सवाल पैदा कर रही है। उत्तराखंड में येन केन प्रकारेण जमीनों, जंगलों, यहां के मूल निवासियों को बेदखल करने की इस नीति के दुष्परिणाम अब तेजी से सामने आ रहे हैं और प्रभावित जनता का एक बड़ा तबका इसके खिलाफ मैदान में उतर रहा है एकजुट कर इन तिकड़मी माफिया गिरोहों को चुनौती देना समय की मांग है।
सम्मलेन की समाप्ति के पश्चात केंद्रीय कार्यकारिणी द्वारा सर्वसम्मति से अब्बल सिंह भंडारी और यशपाल सिंह बाबा को केंद्रीय कार्यकारिणी में सम्मिलित करते हुवे अब्बल सिंग भंडारी को महासचिव और जसपाल सिंह बाबा को केंद्रीय सचिव नियुक्त किया गया।