हल्द्वानी —– विधायक ने प्रदेश एवं केन्द्र की भाजपा सरकार को लोकतंत्र और संविधान की रक्षा को भेजे पत्र, दिया ज्ञापन
हल्द्वानी। हल्द्वानी के कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि आज लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए तत्पर रहने, देश की एकता, अखंडता, लोकतंत्र और संविधान बचाए रखने की जरूरत है। इस संबंध में देश के प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा गया है।
विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि इन तमाम मुद्दों को लेकर अब तक हमनें 36 पत्र लिखे हैं। इनमें से 25 पत्र प्रधानमंत्री को लिखे हैं जो राष्ट्रीय महत्व के प्रधानमंत्री स्तर के विषयों से संबंधित थे। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों के प्रति कांग्रेस पार्टी के सम्मान, माँ गंगा के प्रति आस्था, पूर्व सैनिकों के प्रति सम्मान को प्रदर्शित करते हुए, आज मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को पत्र भेजा है।बताया कि पहली चिट्ठी, 8 अप्रैल प्रधानमंत्री को लिखकर, लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए तत्पर रहने, देश की एकता, अखंडता, लोकतंत्र और संविधान को अक्षुण्ण रखने, सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव बनाये रखने के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के शपथ पत्र के रूप में लिखी थी।
सेना और अर्धसैनिक बलों में रिक्त पदों को शीघ्र भरने, अडानी समूह का चांग लुंग की कंपनी पीएमसी से संबंधों को स्पष्ट करने की मांग की गई थी। अकिता हत्याकांड की जांच के लिए भी पत्र लिखा गया था। दिल्ली में बलात्कार पीडिता किरण नेगी हत्याकांड में परिवार को न्याय दिलवाने की मांग भी की जा रही है। अनुसूचित जाति विकास बजट में कटौती के खिलाफ भी सरकार का ध्यान आकर्षित किया गया था।
गुजरात के बंदरगाहों में 41643 करोड़ की मूल्य के नशीले पदार्थों से सम्बन्ध में भी कहा गया ऑनलाइन गैम्ब्लिंग को समाप्त करने का भी जिक्र किया पुलवामा आतंकी हमले में शहीद परिवारों की मांग पर न्यायायिक जांच करने की मांग उठाई। 8000 अमीर लोग जो देश छोड़कर भाग गये हैं, उनसे सम्बंधित स्वेत पत्र भी भेजा। नोटबंदी के वक्त चर्चित हुए महेश शाह की 13860 करोड़ की सम्पति के सम्बन्ध में जानकारी चाही है। विधायक सुमित हृदयेश ने कहा कि फसल बीमा योजना, महंगाई, किसानों को आकस्मिक वर्षा से हुए नुकसान के एवज में राहत देने, केंद्र सरकार के विभिन्न सामाजिक जन कल्याण योजनाओं के बजट में कटौती के खिलाफ, सोशल मीडिया के माध्यम से समाज में वैमनस्य फैलाने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग भी की। कहा कि उत्तराखण्ड जैसे पर्वतीय राज्य में छोटे और मध्यम श्रेणी के व्यापारियों को जीएसटी में छूट देने, पाठ्यक्रमों में बदलाव पर चिंता जताई। आंगनवाडी में गर्म पका हुआ भोजन के स्थान पर सूखा राशन देने पर आपत्ति, गौतम अडानी की सम्पति में सार्वजानिक पैसा लगने और उसकी सुरक्षा से सम्बंधित की मांग की। उत्तराखण्ड के वनों में जंगली जानवरों के आवास की धारक क्षमता (कैरिंग कैपेसिटी) का वैज्ञानिक आंकलन करने। वन्य जीवों से ग्रामीणों की रक्षा करने के लिए मनरेगा के तहत गांव के आसपास खतरनाक रूप से उगआई झाड़ियों को काटने की इजाजत देने, नमामि गंगे परियोजना, पुरानी पेंशन स्कीम, एक रैंक एक पेंशन लागू करने की मांग पर जोर दिया।
विधायक सुमित ने मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में तमाम मुद्दों को उठाया है उत्तराखण्ड क्रिकेट की महिला खिलाड़ियों की शिकायत की सीबीआई से जांच करवाने, लोकसेवा आयोग से विभागीय परीक्षा में सीधी भर्ती के समान आरक्षण समाप्त करने के खिलाफ, ऑनलाइन गेम्ब्लिंग को समाप्त करने, उत्तराखंड में 3000 स्कूलों के बंद होने पर चिंता जताई है। राजस्थान सरकार की तर्ज पर उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य का अधिकार कानून लाने के सम्बन्ध में कहा गया है। जंगली जानवरों से रक्षा के सम्बन्ध में नीति और कार्यक्रम बनाने, स्वतंत्रता सैनानियों के परिवारों को सुविधा देने से भर्ती घोटाले की जांच, प्रधानमंत्री केयर फण्ड का पैसा उत्तराखंड को मिला या नहीं से सम्बंधित, नमामि गंगे परियोजना। उत्तराखंड राज्य आन्दोलनकारी से सम्बंधित मुद्दों को उठाया गया है। इस दौरान कांग्रेस प्रदेश महासचिव महेश शर्मा, जिलाध्यक्ष राहुल छिमवाल, पूर्व अध्यक्ष सतीश नैनवाल, महानगर अध्यक्ष गोविंद सिंह बिष्ट आदि उपस्थित थे।