मंडी में 45 वर्ग मीटर में थी पुरानी मस्जिद, गिराकर किया 231 वर्ग मीटर पर कब्जा
मंडी। शहर के जेल रोड पर पहले मस्जिद 45 वर्ग मीटर में बनी थी। बाद में उसे गिराकर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नगर निगम से स्वीकृति लिए बिना 231 वर्ग मीटर पर निर्माण कर दिया। इसका खुलासा नगर निगम की ओर से मामले की जांच के लिए गठित कमेटी की रिपोर्ट में हुआ है।
नगर निगम के आयुक्त कोर्ट ने फैसले से पहले मामले की जांच के लिए सह आयुक्त की अध्यक्षता में कमेटी गठित की थी। रिपोर्ट में पता चला है कि मस्जिद के पास मुस्लिम समुदाय के लोगों की 45 वर्ग मीटर ही जगह है। जबकि उन्होंने बाद में 231 वर्ग मीटर पर बिना नक्शा पास करवाए अवैध कब्जा कर मस्जिद को दोमंजिला बना दिया है। इसके अलावा उन्होंने लोक निर्माण विभाग की जमीन पर भी कब्जा किया था। जिसे हाल में उपजे विवाद के बाद हटा दिया गया है। हाल ही में आयुक्त कोर्ट ने मस्जिद की दोमंजिला भवन को अवैध निर्माण बताते हुए 30 दिन के भीतर इसे पुराने स्वरूप में बदलने का फैसला सुनाया है। उधर, नगर निगम के आयुक्त एचएस राणा ने बताया कि पुरानी मस्जिद 45 वर्ग मीटर में थी। जबकि वर्तमान समय में नगर निगम में नक्शा पास करवाए बगैर 231 वर्ग मीटर जगह पर अवैध निर्माण किया गया है।
मुस्लिम समुदाय को मिली फैसले की कॉपी
नगर निगम आयुक्त कोर्ट के आए फैसले की कॉपी मुस्लिम समुदाय के लोगों को मिल गई है। मुस्लिम वेलफेयर कम्यूनिटी के सदस्य इकबाल अली ने बताया कि फैसले की कॉपी मिल गई है। रात को कमेटी की बैठक में इस पर मंथन किया जाएगा। इसके बाद ही आगे की रणनीति तय की जाएगी।
मस्जिद के नीचे हिंदू मंदिर के अवशेष होने का दावा
जिला मुख्यालय में जेल रोड स्थित मस्जिद के नीचे हिंदू मंदिर के अवशेष होने का दावा शहरवासियों ने किया है। मंगलवार को उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन को सौंपे ज्ञापन में शहरवासियों ने अवैध मस्जिद के स्थान पर पुरातत्व विभाग के निरीक्षण में खोदाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि मस्जिद से लोक निर्माण विभाग की भूमि मुक्त करवाई गई है। इस जगह की मंडी-रिवालसर सड़क को चौड़ा करने से पहले पुरातत्व विभाग के निरीक्षण में खोदाई की जाए। उन्होंने यहां पर हिंदू मंदिर होने के अवशेष होेने का दावा किया है। बुद्धिजीवियों का कहना है कि जमीन का रिकॉर्ड राजाओं के समय का बताता है और वह प्रमाणित होगा। उधर, डीसी ने तथ्य भी साथ लाने के लिए कहा है। इस मौके पर शहरवासी गगन बहल, वकील संजय मंडियाल, सेवानिवृत्त डीआईजी केसी शर्मा, कर्नल तारा प्रताप, वकील गीताजंलि, विराज जसवाल और आशीष समेत अन्य मौजूद रहे।