मिनिस्ट्रीयल कर्मियों की पदोन्नति सहित 21 मांगों का शीघ्र शासनादेश जारी न होने पर होगा आदोलन

अल्मोड़ा। उत्तरांचल मिनिस्ट्रीयल फेडरेशन ऑफ़ सर्विसेज एसोसिएशन, उत्तराखंड के द्वारा मिनिस्ट्रीयल कर्मियों की 21 बिन्दुओं पर लंबित मागों का शासनादेश जारी न होने के कारण 15 नवम्बर से 30 नवम्बर 2023 प्रदेश के सभी  मिनिस्ट्रीयल कार्मिक काली पट्टी बांधकर जनपद के विभिन्न कार्यालयों के गेट में मीटिंग करेंगे और 7 दिसम्बर को जनपद मुख्यालय में एक दिवसीय धरना कार्यक्रम तथा 14 दिसम्बर को जनपद स्तर पर चेतना रैली का कार्यक्रम की घोषणा की गयी है 

इस कार्यक्रम की रूपरेखा पर चर्चा 8 नवम्बर को सायं 4 बजे गाँधी पार्क अल्मोड़ा में बैठक 8 दिसम्बर को कि जाएगी बैठक में विभिन्न घटक संगठनो की समस्या पर विचार विमर्श किया जायेगा. मिनिस्ट्रीयल कर्मियों द्वारा लोक निर्माण विभाग के प्रांतीय खंड के परिसर व  वन विभाग के कार्यालय में कर्मियों द्वारा परिसर के गेट में मीटिंग की गयी 

जिसमे पुष्कर सिंह भैसौड़ा , टीका सिंह खोलिया , शंकर सिंह नायक, अमर नाथ सिंह रजवार, भीम सिंह लटवाल, पान सिंह, जनार्दन कांडपाल , मिनाक्षी तिवारी, रमा कांडपाल, हेमा, सन्तु मेहरा, बीना कनवाल , बबिता आर्या, रश्मि आर्या, शांति तड़ागी, सुनील फर्तियाल, सियाराम, गोपाल जोशी, खड़क सिंह, नवीन चन्द्र सती आदि कई लोग उपस्थित थे

स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर अल्मोड़ा की जनता को छलने का काम किया जा रहा है।जब मेडिकल कालेज जैसी संस्था में एक साबुत एम्बुलेंस तक नहीं हैं तो खुद अन्दाजा लगाया जा सकता है कि यहां कि स्वास्थ्य सुविधाएं क्या होंगी? उन्होंने जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर भी मेडिकल कालेज में स्वास्थ्य सुविधाएं दुरूस्त करने की मांग की।ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने मांग की कि मेडिकल कालेज में आप्रेशन थियेटर पूरी तरह प्रारम्भ हो,न्यूरो सर्जन,हृदय विशेषज्ञ,विशेषज्ञ चिकित्सकों की तैनाती हो।

 मेडिकल कालेज में एक दर्जन एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाए।गम्भीर रोगियों को एयर लिफ्ट कराने की व्यवस्था की जाए, मेडिकल कालेज में प्रशिक्षित कर्मचारियों की नियुक्ति के साथ ही ब्लड बैंक संचालित किया जाए तथा 108 सेवा का पुनर्गठन कर आधुनिक सुविधाओं से उन्हें सुज्जजित किया जाए। उन्होंने कहा कि यदि अल्मोड़ा की जनता के हित में अविलंब उपरोक्त मांगों को पूरा नहीं किया गया तो उन्हें एक वृहद आन्दोलन को बाध्य होना पड़े।

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