नई दिल्ली… #बड़ा_सवाल : क्या मोदी के कहने भर से हट जाएंगे तीनों कृषि कानून, जानिए क्या है कानून वापस लेने के दो रास्ते

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री ने आज राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में डेढ साल से किसानों के संघर्ष की वजह बने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया। अब सवाल यह है कि उनके कहने भर से क्या तीनों कानून रद्द हो जाएंगे, यह सवाल लोगों के दिलो दिमाग पर कौंध रहा है। आईये जानते हैं कानूनों के वापस लेने की पूरी प्रकिया।

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1.किसी भी कानून को वापस लेने की प्रक्रिया भी उसी तरह होगी, जिस तरह से कोई नया कानून बनाया जाता है। सबसे पहले सरकार संसद के दोनों सदनों में इस संबंध में बिल पेश करेगी। संसद के दोनों सदनों से ये बिल बहुमत के आधार पर पारित किया जाएगा। बिल पारित होने के बाद राष्ट्रपति के पास जाएगा। राष्ट्रपति उस पर अपनी मुहर लगाएंगे। राष्ट्रपति की मुहर के बाद सरकार नोटिफिकेशन जारी करेगी। इसके बाद कृषि कानून रद्द हो जाएंगे।

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2.एक और रास्ता है, लेकिन यह सुप्रीम कोर्ट से होकर गुजरता है लगेगी इससे मोदी सरकार की किरकिरी पर कानूनी मोहर भी लगेगी। दरअसल कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट में भी मामला विचाराधीन है। सरकार अगर चाहे तो वैकल्पिक तौर पर सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर भी इन कानूनों को रद्द करने के लिए अपनी सहमति दे सकती है। उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के न्यायिक आदेश से भी कानून रद्द हो सकते हैं।

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