गाय की पाठशाला 2: ऐसे करें वर्षा ऋतु में मवेशियों की देखभाल

एक परिचय — हमारे इस साप्ताहिक कॉलम में गौपालन से संबधित जानकारी दे रहे हैं देहरादून के नत्थनपुर में अपनी गाय की पाठशाला चला रहे राजेश मधुकांत, आप वरिष्ठ पत्रकार हैं और गाय की डेयरी ही नहीं चला रहे वरन इसे नए स्वरूप में लोगों के सामने पेश भी कर रहे हैं। लोग उनसे हर रोज इस व्यवसाय को अपनाने के गुरू सीखने आते हैं। आज से आपके लिए हम ला रहे हैं इस क्षेत्र में पदार्पण करने के इच्छुक युवाओें के लिए राजेश मधुकांत के टिप्स…

वर्षा ऋतु हमारे दरवाजे पर दस्तक दे चुकी है। बरसात एक ओर जहां हमारी फसल के लिए जीवनदायिनी है तो वहीं संकर नस्ल के मवेशियों के लिए मुसीबत का सबब भी है।
बरसात की उमस भरी सडी गर्मी मवेशियों को खासा परेशान करती है। इस दौरान मौसम में ह्युमिडिटी जिसे आद्रता या उमस भी कहते हैं बढ़ने से पशु हांफने लगते हैं।कई बार तो लम्बी-लम्बी जीभ बाहर निकाल कर जबरदस्ती सांस लेने की कोशिश भी करने लगते हैं।इस दौरान पशु चारा-दाना खाना कम कर देते हैं और कई बार तो बिलकुल ही बंद कर देते हैं। ऐसे में दूध उत्पादन कम हो जानता है। ऐसे हालात में पशुपालक का परेशान होना लाजिमी है।
अब सवाल यह उठता है कि इससे अपने मवेशियों को कैसे बचाया जाये?
पशुपालन क्षेत्र में अपने अनुभव के आधार पर कुछ टिप्स दे रहा हूं।आशा है पशुपालक इससे लाभान्वित होंगे।


¤ गौशाला में हवा का स्वतंत्र आवागमन हो।
¤ गाय यदि हाँफ रही हो तो उसके मुंह के सम्मुख फर्राटा/टेबिल फैन लगाये ताकी उसे पूरी आक्सीजन मिले।

¤ गाय के सम्मुख हर समय साफ और ताजा पानी उपलब्ध रहे।
¤ दाने में जौ का उपयोग अधिक करें।
¤ मवेशी को नियमित मीठा सोडा खिलायें।
¤ मवेशी को दिन में दो बार तर करके नहलाये।
¤ मक्खी मच्छरों से बचाव के उपाय करें।
¤ मवेशियों के बैठने के स्थान को सूखा रखने का प्रयास करें।

¤ मवेशियों के खुरों पर समय समय-समय पर जन्तु नाशक घोल का स्प्रे करते रहें।

गाय की पाठशाला द्वारा जनहित में जारी

यह भी पढ़ें 👉  वाह…मदरहुड चैतन्य, चंडीगढ़ में 100 से अधिक नवजात और बच्चों की सफल इमर्जेंसी सर्जरी, सोलन में आईवीएफ ओपीडी 25 मई से

यह भी देखें

साप्ताहिक कॉलम : डेयरी उद्योग शुरू करने से पूर्व ध्यान देने योग्य जरूरी बातें

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *