खतरनाक है पर खतरा नहीं @ पिथौरागढ़ : मालुपाती में बनी झील का दोबारा निरीक्षण, झील काफी बड़ी लेकिन पर्याप्त डिस्चार्ज जारी, देखें तस्वीरे
पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ जिले की मुनस्यारी तहसील के मालुपाती गांव में चट्टान टूटने से नाले में बनी झील से फिलहाल कोई खतरा नहीं है। एसडीआरएफ के साथ झील का भौतिक मुआयना करके लौटी विशेषज्ञों की टीम का मानना है कि इस झील के मुहाने से पर्याप्त रूप से पानी का डिस्चार्ज हो रहा है। इस झील की लंबाई 130 मीटर और चौड़ाई 30 मीटर है। झील में 5 से 7 फीट पानी जमा हो चुका है।
हम आपको बता दें कि 21 अगस्त को मालुपाती गांव में चट्टान टूटने से नाले में मलबा आने से जल प्रवाह रुक गया था। जिससे एक झील का निर्माण हो गया है। राज्य में हो रही मूसलाधार बारिश से यह झील आम जनमानस के लिए कितनी खतरनाक है यह आंकलन करने के लिए पिथौरागढ़ के जिलाधिकारी ने एसडीआरएफ के साथ विशेषज्ञों की समिति का गठन करके मौके के निरीक्षण के लिए भेजा।
इस समिति में भूवैज्ञानिक व सिंचाई विभाग के AE को शामिल किया गया व स्थलीय निरीक्षण हेतु SDRF टीम को भी शामिल किया गया। कल यह टीम कई किलोमीटर पैदल चलकर मालुपाती में बनी झील तक पहुंची और उसका निरीक्षण किया ।
SDRF टीम प्रभारी SI देवेंद्र सिंह द्वारा बताया गया कि झील का भौतिक निरीक्षण किया गया व टीमके आंकलन के अनुसार झील की लंबाई 130 मीटर, चौड़ाई 30 मीटर व गहराई 5 से 7 मीटर के लगभग है।
उन्होंने बताया कि समिति का मानना है कि झील के मुहाने से पर्याप्त मात्रा में पानी डिस्चार्ज हो रहा है, जिससे फिलहाल कोई खतरे की कोई आशंका नहीं है। इससे पहले 22 अगस्त को भी टीम द्वारा उक्त डैमनुमा तालाब का निरीक्षण किया गया था।