आइये सीएम साब @ रामपुर बुशहर: नगरवासियों नब्ज टटोलने आ रहे जयराम का सामना होगा नए जिले की मांग, नगर परिषद का पुनर्सीमांकन, सड़कों की दुर्दशा और पुल का निर्माण की मांगों से
रामपुर बुशहर। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के 2 सिंतबर के प्रस्तावित दौरे को लेकर यहां के राजनीतिक दलों से जुड़े लोगों में नई हलचल देखने में आ रही है। भाजपा नेता और कार्यकर्ता सीएम सफल बनाने के लिये तैयारी में जुटे हैं तो कांग्रेस के कार्यकर्ता यह तजबीज कर रहे हैं कि सीएम को रामपुर आगमन पर कैसे घेरा जाए।
सीएम का रामपुर आगमन वैसे तो अकारण नहीं है माना जा रहा है कि वे पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के इस गढ़ के लोगों की नब्ज जांचने के लिए इस दौरे को कर रहे हैं। हालांकि यहां भाजपा पिछले कुछ समय में पहले से ज्यादा मजबूत हुई है लेकिन यहां से भाजपा के लिए विधायक की सीट निकालने अभी भी दूर की कौड़ी जैसी है। ऐसे में सीएम के जयराम के लिए भी रामपुर बुशहर सीट किसी चुनौती से कम नहीं है।
रामपुर में भाजपा की जड़ों को मजबूत करना है तो भाजपा के शीर्ष नेताओं को यहां के लोगों की बातें गंभीरता से सुननी होगीं। वर्ना सेब की फसल को तोड़ने का काम कुछ दिन के लिए टालने जैसे बयानों से मामला तो बिगड़ेगा ही। खैर यहां के लोग एक अरसे से अलग जिले की मांग कर रहे हैं। और भाजपा के लिए यह घोषणा गेम चेंजर भी साबित हो सकती है।
कुल्लू के रामपुर से लगते निरमंड, आनी, और मंडी के कुछ इलाके के साथ नया जिला बनाया जा सकता है। लेकिन समस्या यह है कि इसे जिला बनाते ही अन्य जिलों को छोटा करके नए जिले बनाने की मंग भी अचानक से सिर उठा लेगी। और कम से कम पांच जिले एक साथ बनाना प्रदेश सरकार के बूते की मात नहीं।
रामपुर में नई पार्किंग, रामलीला के आयोजन के लिये पदम स्कूल में परमिशन, खनेरी के हॉस्पिटल में व्यवस्थाओं में परिर्तन, रामपुर के हनुमान मंदिर से ब्रौ तक पुल, आवारा पशु के लिये एक बड़ी पशुशाला का निर्माण, अईटीआई में नए ट्रेड देना, सेब बाहुल्य इयस क्षेत्र में सेब से बनने वाले उत्पाद का निर्माण करने के लिए उद्योग स्थापित करना, सब्जी मंडी का विस्तार, रामपुर के आसपास बृद्ध आश्रम निर्माण और रामपुर में चल रहे एफएम चैनल का विस्तार यहां के लेागों की प्रमुख मांगों में शामिल हैं।
इसके अलावा खोपड़ी के दुर्गा मंदिर से रामपुर नए बस स्टैंड तक पैदल पथ का निर्माण की भी लंबे समय से मांग उठ रही है। खंड विकास कार्यालय से ब्रौ पुल को जोड़ने वाला मार्ग भी यहां की आवयश्यकता है। इससे गर्ल्स स्कूल के बच्चो को आने जाने में सुविधा भी होगी। रामपुर नगर परिषद के कई वार्ड ऐसे हैं जहां अभी तक एम्बुलेंस रोड तक नही बने हैं, यही नहीं नगर परिषद में स्टाफ की कमी लगातार बनी हुई है।
देखते हैं कि मुख्यमंत्री यहां रामपुरवासियों को कानों में इनमें से कौन सा मंत्र फूंककर जाते हैं।