रामलीला मंचन…#सितारगंज : लंकेश के दरबारी हिला तक नहीं सके अंगद का पांव
नारायण सिंह रावत
सितारगंज। बुधवार की संध्या पर श्री राम लीला संचालन समिति की ओर से आयोजित राम लीला के तेहरवें दिन समुद्र से प्रार्थना, विभीषण शरणागति, अंगद रावण संवाद की लीला का मंचन किया गया।
वृंदावन से आए कलाकारों ने सुंदर प्रस्तुति देकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
लीला प्रसंगों के मुताबिक प्रभु राम का संदेश लेकर अंगद रावण के दरबार पहुंचे। उन्होंने रावण से माता सीता को लौटाने को कहा।
इस पर रावण ने अंगद को बंदी बनाने का आदेश दिया। अंगद ने कहा कि अगर रावण के दरबार का कोई योद्धा उनका पैर हिला देगा तो श्री राम बिना युद्ध के लौट जाएंगे।
इसके बाद कई योद्धाओं ने अंगद का पैर हिलाने की कोशिश की। अंत में रावण भी पैर उठाने पहुंच। विभीषण ने अपने भाई रावण का साथ छोड़कर सीता माता की खोज में भगवान श्री राम का सहयोग किया। विभिन्न प्रकार की फसल लाल केला, काला, नीला, बैगनी गेहू व चावल, लाल भिंडी, आदि की पैदावार करने वाले उत्तराखण्ड के एक मात्र किसान अनिलदीप सिंह महल को मंच पर स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। मंच का संचालन एडवोकेट अमित रस्तोगी ने किया।
इस अवसर श्री रामलीला संचालन समिति के संयोजक राकेश त्यागी, एमपी तिवारी, सुरेश जैन, राजेन्द्र चौहान, आदेश ठाकुर, भीमसेन गर्ग, एडवोकेट अमित रस्तोगी, पवन अग्रवाल, सुरेश अग्रवाल, आशीष पांडेय, दीपचंद्र कौशल, अजय कौशल, सौरभ सक्सेना, शिवपाल सिंह चौहान, अनिल गुप्ता, मनोज अरोरा, नीरू गुप्ता, महिपाल सिंह चौहान, रमेश यादव, भगवान सिंह भंडारी, सुरेंद्र चौहान, नरेश ठाकुर, धर्मा देवी, नीरज गुप्ता, प्रेमवती रस्तोगी, पूनम सक्सेना, कलावती, शकुंतला, माया देवी आदि लोग उपस्थित रहे।
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