#की_या_का…ब्रेकिंग : इस प्रदेश में पहली बार महिला पुलिस कर्मी सेक्स चेंज करके बनेगी पुरूष सिपाही

भोपाल। मध्यप्रदेश में पहली बार एक महिला पुलिस कॉन्स्टेबल को सरकार ने जेंडर चेंज कराने की इजाजत दी है। राज्य के होम डिपार्टमेंट ने बुधवार को इसके लिए परमिशन लेटर जारी किया। जेंडर चेंज कराने की प्रोसेस पूरी होने के बाद महिला की पहचान पुरुष कॉन्स्टेबल के रूप में होगी। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ. राजेश राजौरा ने बताया कि मध्यप्रदेश का यह पहला केस है, जिसमें सरकार ने अपने किसी कर्मचारी को जेंडर बदलने की अनुमति दी है।

देहरादून… #शिक्षा : उत्तराखंड मुक्त विवि में प्रवेश तिथि 15 तक बढ़ाई


समाचार वेबसाइट भास्कर.कॉम की खबर के अनुसार डॉ. राजौरा ने बताया कि महिला कॉन्स्टेबल अमिता (परिवर्तित नाम) प्रदेश के एक जिले में पदस्थ है। उसे बचपन से ही ‘जेंडर आइडेंटिटी डिसआर्डर’ की प्रॉब्लम थी। इसकी पुष्टि राष्ट्रीय स्तर के मनोचिकित्सकों की तरफ से की गई थी। इस बीमारी से उसे शरीर और लैंगिक स्वभाव मिसमैच लगता था। कॉन्स्टेबल ने जेंडर परिवर्तन के लिए पुलिस मुख्यालय को आवेदन दिया था। मुख्यालय ने गृह विभाग से इसके लिए अनुमति मांगी थी। प्रक्रिया पूरी होने के बाद 1 दिसंबर को अनुमति दी गई। अब महिला कॉन्स्टेबल जेंडर चेंज करा सकेगी।

हल्द्वानी… #ट्रांसफर सीजन : अब डीआईजी कुमाऊं ने दस दरोगाओं को भेजा इस जिले से उस जिले, देखें लिस्ट


आइडेंटिटी डिसऑर्डर (#identity_disorder) या जेंडर डिसफोरिया (#gender_dysphoria) होने पर एक लड़का, लड़की की तरह और एक लड़की, लड़के की तरह व्यवहार करती है। दोनों ही अपोजिट जेंडर के अनुसार अपनी जिंदगी जीना चाहते हैं। दोनों ही अपोजिट बर्ताव में खुद को ज्यादा सहज महसूस करते हैं। मध्य प्रदेश की महिला कॉन्स्टेबल भी पुरुषों की तरह ही ड्यूटी करती है।

यह भी पढ़ें 👉  हिमाचल: दलाई लामा से मिलने धर्मशाला पहुंचे मनिंदरजीत सिंह बिट्टा

हल्दूचौड़… #ब्रेकिंग : बेरीपड़ाव रेलवे फाटक के गेटमैन से मारपीट के दोनों आरोपी गिरफ्तार, पढ़िये ये हैं दुस्साहसिक वारदात को अंजाम देने वाले युवक


आइडेंटिटी डिसऑर्डर या जेंडर डिसफोरिया के लक्षण कुछ बच्चों में तो बचपन से ही दिखना शुरू हो जाते हैं, लेकिन ज्यादातर रिपोर्ट में यह सामने आया है कि इन आदतों को 10-12 साल के बच्चों में आसानी से देखा जा सकता है। अगर वह आइडेंटिटी डिसऑर्डर (#identity_disorder) या जेंडर डिसफोरिया से ग्रस्त है, जैसे कोई पुरुष है तो वह महिलाओं की तरह कपड़े पहनना, मेकअप करना और इशारे करता है। वहीं महिला पुरुष की तरह आचरण करती है।

यह भी पढ़ें 👉  बागेश्वर न्यूज : करंट लगने से लाइनमैन झुलसा

हल्द्वानी … #ट्रांसफर : एसएसपी ने ताश के पत्तों की तरह फेंट दिए थानेदार और दरोगा

जेंडर चेंज कराने के इस ऑपरेशन में लगभग 5-6 घंटे का समय लगता है। इस दौरान ब्रेस्ट, जननांग और चेहरे की सर्जरी की जाती है।
कुछ लोग इस सर्जरी के बाद सेक्स लाइफ को लेकर चिंता करते हैं, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं है जिससे परेशानी हो। ऑपरेशन के बाद लोगों की सेक्स लाइफ (#Sex_Life) भी पहले की तरह सामान्य होती है।

यह भी पढ़ें 👉  उत्तराखंड न्यूज : कल से हरिद्वार-ऋषिकेश में काउंटर पर शुरू होंगे ऑफलाइन पंजीकरण

हल्द्वानी… #ब्रेकिंग : दीपक रावत कमिश्नर बनकर कुमाऊं में वापस लौटे

पुरुष से महिला बनने वाले मां तो नहीं बन सकते, लेकिन सरोगेसी (#Surrogacy) या बच्चा गोद ले सकते हैं। ऑपरेशन के बाद कम से कम एक साल तक हार्मोनल थेरेपी लेनी पड़ती है। कुछ केस में पूरी जिंदगी भी हार्मोनल थेरेपी लेने की जरूरत पड़ सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *