उत्तराखंड…आयोजन : एक मेला जहां सामूहिक रूप से मछली पकड़ने नदी में उतरते हैं ग्रामीण, इस बार सिलनवार पट्टी के लोगों ने नदी में डाली मौण
मसूरी। रविवार को जौनपुर का ऐतिहासिक मौण मेला धूमधाम से मनाया गया। ग्रामीणों ने अगलाड़ नदी में टिमरू का पाउडर डालकर मौण मेले का शुभारंभ किया।
इस दौरान सिलवारपट्टी के कई गांवों के ग्रामीणों ने मेले में शिरकत की इस बार टिमरू के पाउडर बनाने की बारी सिलवाडपट्टी की थी। ग्रामीणों ने इसके बाद नदी में उतरकर मछली पकड़ी।
मौण मेला जौनपुर ब्लॉक की संस्कृति की एक अलग पहचान है। राजशाही के जमाने से ग्रामीण इस पर्व को मनाते आ रहे हैं। रविवार को सुबह 12:30 बजे अगलाड़ नदी में विशेष पूजा अर्चना के बाद टिमरू का पाउडर नदी में डाला गया।
जिस पर बच्चे, युवा व बुजुर्ग एक साथ मछली पकड़ने के लिए नदी में उतरे। इस बार टिमरू का पाउडर बनाने और मौण डालने की बारी सिलवाड पट्टी की थी जौनपुर में मौण मेला मनाए जाने की अनूठी परंपरा है।
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टिहरी नरेश रहे नरेंद्र शाह ने 1811 में स्वयं अगलाड नदी में आकर मौण डाली थी,तब से इस मेले को मनाया जाता है। इस बार मेले में पट्टी सिलवाड, छैज्यूला, आठजयूला, लालूर, इडवालस्यूं जौनसार, उतरकाशी, मसूरी सहित आसपास के 114 गांव के लोगों ने भाग लिया।
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