अल्मोड़ा…..नगर पालिका व पशु चिकित्सालय के सहयोग से नगर क्षेत्र में आवारा घूम रहे 19 पशुओं को भेजा बाजपुर गौ सदन लोगों से अपील पालतु पशुओं को आवारा न छोड़ें
अल्मोड़ा। पुलिस द्वारा ऑपरेशन कामधेनु के तहत अल्मोड़ा नगर क्षेत्र में आवारा घूम रहे 19 पशुओं को पशु चिकित्सालय अल्मोड़ा व नगर पालिका अल्मोड़ा के सहयोग से गौ सदन बाजपुर भेजा । साथ ही लोगों को जागरुक कर अपने पालतु पशुओं को आवारा नहीं छोड़ने के लिए की अपील
पुलिस मुख्यालय से जारी निर्देशों के क्रम में आँपरेशन कामधेनु को जनपद स्तर पर सफल बनाने के लिए एसएसपी श्रीमती रचिता जुयाल, द्वारा सभी सीओ व थाना प्रभारियों को आँपरेशन कामधेनु के तहत प्रभावी कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया गया है।
इसी क्रम में सीओ अल्मोड़ा विमल प्रसाद व सीओ आँपरेशन ओशिन जोशी के पर्यवेक्षण में कल दिनांक-25.03.2023 को यातायात निरीक्षक गणेश सिंह हरड़िया के नेतृत्व में यातायात पुलिस अल्मोड़ा की टीम टीएसआई सुमित पाण्डे, हे0कानि0 सुनील कुमार, हे0कानि0 मनोहर राम व कानि0 ललित बिष्ट द्वारा आँपरेशन कामधेनू के तहत अल्मोड़ा नगर क्षेत्र में आवारा घूम रहे 19 पशुओं को कड़ी मशक्कत के बाद पशु अस्पताल अल्मोड़ा की चिकित्सकीय टीम व नगर पालिका अल्मोड़ा के सहयोग से सभी पशुओं को वाहनों के माध्यम से उचित पालन पोषण हेतु कृष्णा गौ सदन बेरिया रोड लखनपुर बाजपुर* भिजवाया गया।
पशुओं को वाहनों से गौ सदन भेजने के दौरान एक पशु स्वामी अपनी गाय को लेने पहुंचे, जिस पर नगर पालिका अल्मोड़ा द्वारा अपनी गाय को आवारा छोड़ने वाले उक्त पशु स्वामी के खिलाफ 5 हजार रुपये की चालानी कार्यवाही करते हुए गाय को उसके स्वामी के सुपुर्द किया गया।
इसके अतिरिक्त जनपद पुलिस द्वारा आवारा छोड़े गये पशुओं के स्वामियों का पता लगाकर उनके पशुओं के कानों में टैगिंग कराकर पशु स्वामियों को अपने पशुओं को आवारा नहीं छोड़ने हेतु उचित हिदायत दी जा रही है।
इसके उपरान्त निरीक्षक यातायात गणेश सिंह हरड़िया के नेतृत्व में यातायात पुलिस टीम द्वारा नगर क्षेत्र में लोगों को आँपरेशन कामधेनु के सम्बन्ध में जागरुक करते हुए हिदायत दी गयी कि मानवता के नाते अपने पशुओं को सड़कों पर आवारा न छोड़ें, आवारा छोड़े गये पशु वाहन चालकों के लिए सड़क दुर्घटना का कारण भी बन सकते है इसलिए अपने पशुओं को गौशालाओं में ही रखकर पालन पोषण करें, अपने पशुओं को आवारा छोड़ने वाले सम्बन्धित पशु स्वामियों के विरुद्ध उत्तराखण्ड गोवंश संरक्षण अधिनियम- 2007 एवं गोवंश संरक्षण (संशोधन) अधिनियम- 2015 के तहत नियमानुसार वैधानिक कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।