कोरोना पर राजनीति : रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के आरोपी को बचाने भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस आधी रात को पहुंच गए पुलिस थाने

मुंबई। कोरोना मरीजों के इलाज में इस्तेमाल हो रहे रेमडेसिविर इंजेक्शन पर महाराष्ट्र में शनिवार रात करीब 12 बजे सियासी बवाल हो गया। हुआ ये था कि पुलिस को रेमडेसिविर की कालाबाजारी की जानकारी मिली थी। इसकी जांच में Bruck Pharma के डायरेक्टर राजेश डोकानिया का नाम सामने आने पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। इस बात से पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भड़क गए।
दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक फडणवीस और विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर अपने कुछ समर्थकों के साथ रात में विलेपार्ले पुलिस स्टेशन पहुंच गए। यहां से उन्हें पता चला कि डोकानिया को पूछताछ के लिए BKC स्थित जोन-8 के DCP मंजुनाथ शिंगे के ऑफिस में ले जाया गया है। दोनों नेता वहां पहुंचे और पुलिस अफसरों से जमकर इनकी बहस हुई। सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने इस मामले में 4.75 करोड़ की रेमडेसिविर को सीज भी किया है, लेकिन अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की गई है। सोशल एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने सोशल मीडिया में इस बात को लिखा है।
करीब एक घंटे तक पुलिस स्टेशन में रहने के बाद बाहर निकले फडणवीस ने कहा, ‘महाराष्ट्र की महाविकास अघाड़ी सरकार ने अचानक रात 9 बजे Bruck Pharma के एक अधिकारी को हिरासत में ले लिया। यह बहुत ही शर्मनाक घटना है। Bruck Pharma के अधिकारी को एक मंत्री के OSD ने दोपहर में कॉल कर धमकी दी थी कि तुम विपक्षी पार्टी को रेमडेसिविर कैसे सप्लाई कर सकते हो? इसके बाद देर रात 10 बजे पुलिसकर्मी उन्हें पकड़ कर यहां ले आए।’
फडवणीस ने कहा, ‘इस घटना की सूचना मिलने पर हमने स्थानीय पुलिस स्टेशन और पुलिस उपायुक्त कार्यालय जाकर Bruck Pharma का अपराध है जानने की कोशिश की है। Bruck Pharma ने महाराष्ट्र सरकार और दमन एडमिनिस्ट्रेशन से सारी अनुमति ली हुई है। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री ने भी Bruck Pharma को ज्यादा से ज्यादा रेमडेसिविर की आपूर्ति महाराष्ट्र को करने को कहा हुआ है। इसके बावजूद महाराष्ट्र सरकार इस तरह की गंदी राजनीति कर रही है जो शर्मनाक है।’
इस मामले पर महाराष्ट्र सरकार के मंत्री नवाब मलिक ने कहा,’ रात 11 बजे देवेंद्र फड़नवीस और प्रवीण दरेकर और भाजपा के नेता राजेश डोकानिया की वकालत क्यों कर रहे हैं। इसका खुलासा भाजपा को करना चाहिए। पुलिस महाराष्ट्र के हित के लिए काम कर रही है, उसे रेमडेसिविर के स्टाक की जानकारी मिली थी, इसी वजह से राजेश को पूछताछ के लिए बुलाया गया था।’
इससे पहले शनिवार को महाराष्ट्र के मंत्री नवाब मलिक ने आरोप लगाया था कि रेमडेसिविर इंजेक्शन सप्लाई करने वाली 16 कंपनियों को केंद्र सरकार ने धमकी दी है कि अगर उन्होंने महाराष्ट्र सरकार को रेमडेसिविर की सप्लाई की, तो उनकी कंपनी का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा।
मलिक ने कहा, ‘भारत में 16 निर्यातकों को 20 लाख रेमडेसिविर के इंजेक्शन बेचने की अनुमति नहीं है। अब जबकि केंद्र सरकार ने इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है, तो इसे देश में बेचने की अनुमति मांग रहे हैं, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं दी जा रही है। इस स्थिति में महाराष्ट्र सरकार के पास इन 16 निर्यातकों से रेमडेसिविर के स्टॉक को जब्त करने और जरूरतमंदों को आपूर्ति करने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।’

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