नैनीताल… बीस दिन के प्रशिक्षण के बाद मंच पर उतरी रंगारंग प्रतिभाएं

नैनीताल। नई दिशाएँ समिति के तत्वाधान में तथा संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार के सहयोग से हिमालय की सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण एवं विकास के लिए कुमाऊँ मण्डल के नैनीताल में 20 दिवसीय पारम्परिक लोक कलाओं के प्रशिक्षण के बाद गुरूवार को सात नम्बर मल्लीताल रामलीला मंच में उत्तराखण्ड के पारम्परिक और पौराणिक लोक गाथा, लोक नृत्य लोकगीत कार्यक्रमों का आयोजन किया, जिसमें नई दिशाएं समिति के कलाकारों द्वारा मां नन्दा सुनन्दा की स्तुति “नन्दा राजजात यात्रा और पारम्परिक झोड़ा, पारम्परिक लोकगीत व लोक नृत्यों की सुन्दर प्रस्तुति दी गयी।


कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि अजय कुमार संस्कृति विभाग कुमाऊँ मण्डल नैनीताल व पूरन चन्द्र पाण्डे सचिव रामलीला कमेटी नैनीताल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।


इस अवसर पर स्वच्छ भारत अभियान व आजादी 75वॉ वर्ष अमृत महोत्सव पर परिचर्चा एवं प्रचार-प्रसार भी किया गया। इस अवसर पर संस्था द्वारा किये जा रहे कार्यक्रमो की मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि द्वारा भूरी-भूरी प्रसंसा की और इससे हिमालय की सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण सर्वधन एवं विकास में हमेशा दे रही है। नई दिशाएँ समिति के कार्यों की सराहना की।

इस दौरान कार्यक्रम का संचालन कर रहे उमेश काण्डपाल ने कहा कि हिमालय की विशालता को समझना ही हिमालय का विकास है हिमालय अनन्तकाल से मानवता को नाना रूपों मे सुख-समृद्धि बांटता आ रहा है। हिमालय ने हमें जैव विविधता के साथ सांस्कृतिक विविधता का भी अवदान दिया है ।


उत्तराखण्ड की हिमालय लोक सांस्कृतिक, गीत संगीत और त्यौहार दूर बसे लोगों को आज भी अपनी ओर आकर्षित करते है। नई दिशाएँ समिति के सचिव किशन लाल जी द्वारा अतिथियों का स्वागत पुष्प गुच्छ व प्रतिक चिन्ह दे कर किया गया। वही सभी अतिथियों व सम्मानित जनता व कलाकारों का आभार व्यक्त किया।

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