ब्रेकिंग हल्द्वानी : जिला पंचायत नैनीताल की अवैध वसूली के एक बैरियर को डीएम ने बंद कराया, तीन लगातार जारी
हल्द्वानी। हल्द्वानी जिले के कई प्रवेश द्वारों पर स्थापित जिला पंचायत के विवादित बैरियरों पर जिला प्रशासन की आधी अधूरी कार्रावाई अब सवालों के घेरे में है। जिलाधिकारी के आदेश पर काशीपुर रामनगर हाईवे पर लगा बैरियर तो बंद करा दिया गया है लेकिन बाकी के बैरियर अभी अनवरत जारी हैं। एक ही जिले में दो अलग—अलग नियम जनता की समझ से परे हैं। इस मामले में शिकायतकर्ता ने अब जिलाधिकारी से जिले के शेष तीन बार्डरों पर लगे बैरियरों को भी बंद कराने की मांग जिलाधिकारी से की है।
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इस पूरे प्रकरण के शिकायतकर्ता हैं नैनीताल जिले के हल्द्वानी निवासी सौरव अग्रवाल। उन्होंने सबसे पहले उधमसिंह नगर जिले में स्थापित इन बैरियरों को हटाने का बीड़ा उठाया और वहां के तत्कालीन जिलाधिकारी नीरज खैरवाल ने शिकायत सही पाए जाने पर सभी बैरियरों को खत्म भी कर दिया। इसके बाद बेरोजगार हुए ठेकेदार ने नैनीताल जिले का रूख किया आर 2019 से यहां बैरियर स्थापित करके जिला पंचायत की रसीदों पर टैक्स वसूलना शुरू कर दिया। अनभिज्ञ लोग पर्ची कटवाते भी हैं।
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जिला नैनीताल में जिला पंचायत के लगभग चार बैरियर पिछले महीने तक काम कर रहे थे। बैरियरों के वैद्यता उस गजट से तय की गई थी। जिसे उत्तराखंड सरकार के नाम पर जिला पंचायत नैनीताल ने छपवाया है। सिरे से ही फर्जी दिखाई पड़ने वाला यह गजट कुमाऊं कमिश्नर के सामने गया तो उन्होंने भी यह सवाल उठाते हुए मामले में अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत नैनीताल से कुछ सवाल पूछते हुए अगले आदेशों तक बैरियरों को हटाने के निर्देश दिए लेकिन पांच माह बीत जाने के बावजूद बैरियर यथावत अपना काम करते रहे और इन पर अवैध वसूली लगातार जारी रही।
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अब 23 जून 2021 को जब ममला जिलाधिकारी डीएस गर्बयाल के संज्ञान में गया तो उन्होंने एक आदेश निकाल कर पूरे प्रकरण से जुड़े कुछ सवाल अपर मुख्य अधिकारी जिला पंचायत नैनीताल से पूछते हुए काशीपुर—रामनगर नैशनल हाईवे पर लगाए गए बैरियर को 24 घंटे में हटाने के आदेश जारी किए। नतीजा यह निकला कि इस नैशनल हाईवे पर लगा यह बैरियर हटा लिया गया।
लेकिन इसी के साथ एक नया सवाल खड़ा हो गया कि जब रामनगर—काशीपुर हाईवे पर लगा बैरियर अवैध था तो चोरगलिया, बैलबाबा आदि के बैरियर सही कैसे हो सकते हैं। यह भी एनएच या स्टेट हाईवे पर ही लगाए गए हैं। जिला पंचायत के क्षेत्र में नहीं। अब शिकायतकर्ता सौरव अग्रवाल ने जिलाधिकारी से मांग की है कि एक नहीं बल्कि पूरे जिले में जिला पंचायत द्वारा लगाए गए अवैध बैरियरों को तुरंत हटाने के आदेश जारी किए जाएं। उधर चोरगलिया आमखेड़ा क प्रधान नंदन सिंह बोरा ने बताया कि चोरगलिया काठगोदाम मुख्य मार्ग पर लगा बैरियर यथावत जारी है।
क्या है विवादित गजट
सौरव अग्रवाल कहते हैं कि जिस गजट को उत्तराखंड सरकार के नाम से प्रकाशित करके बैरियरों की वैद्यता प्रमाणित की जा रही है वह जिला पंचायत ने कैसे छपवाया यह कोई नहीं समझ पा रहा है। प्रदेश का गजट राज्यपाल के हस्ताक्षरों से युक्त होता है जबकि इस गजट में जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी के हस्ताक्षर हैं। इस गजट पर कुमाऊं आयुक्त ने भी कई सवाल उठाए हैं।
कहां ले सकती है जिला पंचायत टैक्स
जिला पंचायत उन सड़कों पर टोल टैक्स वसूल कर सकता है जिन्हें उसने स्वयं बनाया है लेकिन सौरव अग्रवाल ने बताया कि यहां तो प्रदेश लोक निर्माण विभाग और एनएच के द्वारा बनाए मार्गों पर टैक्स वसूली की जा रही है।
विजिलैंस भी कर चुकी है जांच
इस मामले की जांच विजीलैंस की टीम भी कर चुकी है और सौरव के अनुसार विजिलैंस की जांच में करोड़ों रूपये का घोटाला उजागर हो चुका है लेकिन अभी तक इस पर कोई कार्रावाई नहीं की जा सकी है।
17 जगह बैरियर लगाने की थी योजना
जिला पंचायत नैनीताल के ण्क अधिकारी ने बताया कि इस कार्य के लिए भुवन चंद्र आर्या को 80 लाख रूपये का ठेका दिया गया है। 17 जगहों पर बैरियर लगने थे लेकिन विरोध के कारण सिर्फ चार स्थनों पर ही बैरियर स्थापित हो सके हैं। ठेकेदार ने तीस प्रतिशत राशि जमा कर दी है।