हल्द्वानी…जल संस्थान की गलती से लोगों के घरों में भरा पानी, स्थानीय जनता ने किया अधिकारियों को घेराव

हल्द्वानी। नगर निगम के पास हो रहा नहर कवरिंग का काम स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का कारण बन गया है। बुधवार देर रात बुनियाद खोखली होने से एक मकान का शौचालय गिर गया। वहीं गुरुवार को नहर में एकाएक पानी आने से आधा दर्जन से ज्यादा मकान खतरे की जद में आ गए। गनीमत रही कि इस दौरान कोई बढ़ी घटना नहीं घटित हुई। विभागों की गलतियों से आम लोगों को हर रोज दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


सिंचाई विभाग पिछले कई माह से नहर कवरिंग का काम कर रहा है। नहर में पानी आने से रोकने के लिए नैनीताल रोड में विभाग ने लाखों रुपये खर्च कर डाईवर्जन तैयार किया है। इससे नहर में पानी आने के रुख को बदला जाता है। सिंचाई विभाग के अनुसार इस की क्षमता 8 क्यूसेक है। जल संस्थान रोजाना शीशमहल के चार फिल्टर प्लांटों में पेयजल के बाद बचे पानी को नहर में भेजता है। हर फिल्टर प्लांट से 7 से 8 क्यूसेक पानी बारी-बारी से छोड़ा जाता है।

इससे पानी नहर कवरिंग क्षेत्र में आने के बजाय डाइवर्जन से चला जाता है। गुरुवार को विभाग ने एक साथ दो प्लांट से पानी छोड़ दिया। एक साथ 16 क्यूसेक से ज्यादा पानी आने से पानी निर्माणाधीन नहर में जमा हो गया। नहर में मलवा जमा होने से पानी लोगों के घरों में घुस गया। सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने मौके पहुंच कर मशीनों की सहायता से पानी बाहर निकाला।


मौके पर सिंचाई विभाग के अधिकारियों के पहुंचते ही स्थानीय लोगों ने घेराव कर दिया। लोगों ने आरोप लगाया कि जब से नहर में निर्माण कार्य किया जा रहा है हर दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक ओर मशीनों से घरों की बुनियाद को खोद दिया गया है। वहीं अब विभागों की लापरवाही से घरों में पानी भर गया है। कहा गया की अधिकारियों की लापरवाही से आम लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।


नहर कवरिंग के क्षेत्र में सालों से जल भराव की समस्या बनी रहती है। नहर खुली होने से पानी बाहर निकल कर घरों में घुस जाता था। इसके समाधान के लिए ही लोगों की मांग पर नहर को कवर किया जा रहा है। गुरुवार को एकाएक नहर में पानी आने से आधा दर्जन घरों में पानी जमा हो गया। जिससे दिन भर इन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

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साफ मौसम में लोग सुबह घरों से अपने काम को निकले ही थे कि रास्तों में फिसलने लगे। खुदाई से कई जगहों में गड्ढे बने हुए हैं। इन में पानी जमा हो गया। पानी से जमीन के कमजोर होने से धंसने लगी। जिससे लोग इनमें फिसल कर चोटिल होने लगे। पैदल राहगीरों के साथ ही दोपहिया वाहन चालकों को कई घंटों तक दिक्कतों में आना-जाना करना पड़ा।

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जल संस्थान के अधिशासी अभियंता एसके श्रीवास्तव के कर्मचारियों की लापरवाही से एक साथ दो फिल्टर प्लांट से पानी छोड़ दिया गया। आगे से ऐसा नहीं किए जाने के निर्देश दे दिए गए हैं।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता केएस बिष्ट, डाई वर्जन की क्षमता 8 क्यूसेक है। जल संस्थान ने 16 क्यूसेक से ज्यादा पानी छोड़ दिया। आगे से ऐसा नहीं किए जाने के लिए पत्र भेजा गया है।

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