उत्तराखंड… #ब्रेकिंग न्यूज : आंदोलन कर रहे कार्मिकों पर सरकार कर नजरें टेढ़ी, हड़ताल की अवधि का वेतन नहीं मिलेगा, बाद में एडजस्टमेंट भी नहीं होगा
देहरादून। राज्य सचिवालय में धरना प्रदर्शन व कार्यबहिष्कार(#picketing_and_work_boycott) कर रहे कार्मिकों पर सरकार की भवें तन गई हैं। सरकार ने साफ कर दिया है कि अब कार्मिकों के आंदोलन (#personnel_movement)किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
शासन ने कर्मचारियों की हड़ताल के जवाब में काम नहीं तो वेतन नहीं (#no_work_no_pay)की अपनी नीति को जमीन पर उतारने की तैयारी कर ली हैं। शासन में प्रभारी सचिव विनोद कुमार सुमन की ओर से समस्त अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव और प्रभारी सचिवों को पत्र जारी करके साफ कर दिया है कि वे अपने विभागों में कम नहीं तो वेतन नहीं के सिद्धांत को अमली जामा पहनाएं।
इसके लिए शासन ने साफ कर दिया है कि हड़ताल या कार्य बहिष्कार की अवधि में अपरिहार्य परिस्थितियों को छोड़ कर किसी भी कर्मचारी का अवकाश स्वीकृत न किया जाए। उन्होंने पत्र में यह भी साफ कर दिया है हड़ताल या कार्यबहिष्कार की अवधि के बाद आंदोलन का यह समय कार्मिक का उपार्जित अथवा अन्य प्रकार के अवकाश में समायोजित नहीं किया जाएगा।
अब उन कर्मचारियों की भी खैर नहीं होगी जो कार्यालय की उपस्थिति पंजिका में उपस्थिति दर्ज करने के बाद काम न करने वाले कार्मिकों को भी आंदोलन में शामिल माना जाएगा।
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