हल्दूचौड़ ब्रेकिंग : इस क्षेत्र पंचायत सदस्य ने किया इस्तीफा देने का ऐलान, आखिर क्यों है परेशान!

विक्की पाठक
मोटाहल्दू।
हल्द्वानी विकासखंड के हल्दुचौड़ दीना क्षेत्र क्षेत्र पंचायत सदस्य ने विभागीय अधिकारियों पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए कल इस्तीफा देने का ऐलान कर डाला है। उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने सभी संबंधितों मित्र गणों, विकास खंड के पदाधिकारियों व अधिकारियों को भेज दिया है। देखिए आज क्षेत्र पंचायत सदस्य त्रिलोचन पाठक जो मैसेज पोस्ट किया है वह यह है

ब्लाक प्रमुख, ज्येष्ठ प्रमुख, कनिष्ठ प्रमुख, माननीय उत्तराखंड सरकार विकास खण्ड हल्द्वानी के समस्त सम्मानित क्षेत्र पंचायत सदस्यगण
मैं विकास खण्ड हल्द्वानी के कुछ अधिकारीगण, कुछ कर्मचारीगण द्वारा लगातार किये जा रहे उपहास व मानसिक उत्पीड़न एवं सरकार के क्षेत्र पंचायतों के साथ किये जा रहे उपहास से क्षुब्ध होकर मैं त्रिलोचन पाठक(रिंकू) सदस्य क्षेत्र पंचायत हल्दूचौड़ दीना दिनांक 25-06-2021 दिन शुक्रवार को प्रातः 11 बजे ब्लॉक कार्यालय में अपना इस्तीफा सौपूंगा। जिसके लिए सरकारी तंत्र व विकास खण्ड हल्द्वानी के अधिकारी व कर्मचारी जिम्मेदार रहेंगे।
चूंकि मेरा उद्देश्य समाज सेवा से राजनीति में आना अपने क्षेत्रवासियों को सरकारी योजनाओं का फायदा दिलवाना व उनकी समस्याओं का निस्तारण करवाना था परंतु क्षेत्र वासियों की अपेक्षा अनुरूप विकास खण्ड में सरकार के बेलगाम अधिकारीगण व कर्मचारीगण के द्वारा उत्पीड़न की वजह से मैं कार्य करने में असमर्थ हो रहा हूँ। जिससे लगातार मैं मानसिक अवसाद का शिकार हो रहा हूँ।
अतः मैं अपने पद से इस्तीफा देने जा रहा हूँ। मैं अपने समस्त सहयोगी व क्षेत्रवासियों से अश्रु मन से माफी चाहता हूँ और साथ ही विश्वास दिलाता हूँ कि लड़ाई जारी रहेगी और हर काले पन्ने को इस पद से इस्तीफा देकर जरूर जलाऊंगा।

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हमने उनसे बात की। तो उन्होंने बताया कि उन्हें बीडीसी सदस्य बने दो वर्ष होने जा रहे हैं। खंड विकास कार्यालय की ओर से उन्हें 2020 में बताया गया था कि ग्रामीण विकास की योजनाओं के लिए धनराशि आवंटित हुई है। आप लोग अपने अपने क्षेत्र के लिए प्रस्ताव भेजें, उन प्रस्तावों को भेजे हुए एक साल डेढ साल हो गया है आज तक उन प्रस्तावों पर वर्क आर्डर उन्हें नहीं मिला। उन्होंने बताया कि जब हम लोगों से पूछकर ग्राम विकास के लिए प्रस्ताव तैयार करते हैं और उस पर डेढ डेढ वर्ष तक काम नहीं हो पाता तो ग्रामवासी उनसे सवाल करते हैं। ऐसे में वे क्या जवाब दें। इसके अलावा खंड विकास कार्यालय से बीडसी सदस्यों के प्रस्तावों पर काम दिया भी जाता है तो उनसे एक ठेकेदार की तरह डील किया जाता है। जबकि यह काम या तो खंड विकास कार्यालय को करवाने चाहिएं या फिर ठेकेदार का इंतजाम करना चाहिए। हमें काम दिया जाता है तो उसका एडवांस पेमेंट नहीं दिया जाता। मजदूरों को हम पैसा कहां से देंगे यहा पता नहीं। उन्होंने कहा कि इससे अच्छा यह होता कि जब चुनाव के लिए नामांकन पत्रों में शिक्षा, बच्चों की संख्या आपराधिक इतिहास आदि पूछा जाता है वहां एक कालम यह भी बना दिया जाएग कि दावेदार पंजीकृत ठेकेदार भी होना चाहिए। वर्ना समाजसेवा के लिए राजनीति में उतरे लोगों को सरकार ठेकेदार क्यों बनाने पर तुली है। उन्होंने कहा कि उन्होंने एक आरटीआई लगाई थी जिसकी सूचना तीन महीने बाद भी नहीं दी गई है। ऐसे में वे लगातार मानसिक अवसाद में जा रहे थे। इसलिए वे कल अपना त्यागपत्र सोंप कर उन्हें वोट देने वाली जनता से चुनाव लड़ने की गलती के लिए माफी मांग लेंगे।
उन्होंने बताया कि पत्र की प्रति उन्होंने ब्लॉक के समस्त पदाधिकारियों को भेज दी है। सभी के फोन भी आ चुके हैं लेकिन उन्होंने सभी से साफ कह दिया है कि वे इस तरह की राजनीति से अपने क्षेत्र का विकास नहीं करा सकतें। वे कल सुबह 11 बजे अपना त्यागपत्र सौंपने के फैसले पर डटे हुए हैं।

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