सेराघाट में हादसा अपडेट : पांचों किशोरों के घरों से करूण क्रंदन गूंजता रहा रात भर, देर सायं हुआ अंतिम संस्कार

सेराघाट। सरयू में बहने से मौत को शिकार हुए पांचों किशोरों को कल सायं उनके पैतृक गांव के शमशानघाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया। पांच में से एक किशोर रविंद्र कुमार दुल्हन का सगा भाई था। जबकि दूसरा उसके चाचा का लड़का था। बाकी के तीन किशोर गांव के ही रहने वाले थे। आज दूसरे दिन भी धौलाइजर कूना गांव शोक में डूबा हुआ है। पांचों किशोरों के परिवारों और उनके आस पास के घरों में मातम छाया हुआ है। इस घटना के बाद कून गांव में रात भर उकने घरों से महिलाओं के रोने की आवाजें गूंजती रहीं।
इस हादसे की बारे में सामने आ रही कहानी के अनुसार धौलाइजर के कूना गांव की युवती का विवाह सेराघाट के रामपुर गांव के युवक से हुआ था। दुल्हन को विदाई देने के लिए उसका भाई व उसके अन्य आठ साथी भी गए थे। एक रात बहन की ससुराल में बि​ताने के बाद कल पूर्वाह्न आठों किशोर अपने गांव के लिए रवाना हुए। लेकिन रास्ते में मौत अपना जाल बिछा कर उनका इंतजार कर रही थी। वे रामपुर से सेराघाट पहुंचे, आसमान से सूर्य देव आग बरसा रहे थे और नीचे सरयू नदी की शीत जल देखकर पसीने से सराबोर हो रहे किशोरों के दिमाग में नहा कर आगे बढ़ने का अइडिया आया। आठों किशोर नदी में नहाने उतरे। एक बार स्नान के बाद सभी बाहर भी निकल आए। लेकिन कुछ देर में रविंद्र, साहिल, पियुष, मोहित और राहुल उर्फ राहुल पे दोबारा से स्नान करने का विचार बनाया और नदी में उतर गए। बाकी के तीन किशोर दूसरी बार उनके साथ नहीं गए।
बस यही गलती पांचों किशोरों पर भारी पड़ गई। पांचों सरयू की तेजधारा में बह गए। नदी के किनारे बैठे तीनों किशोरों ने उन्हें बहता देख शोर मचाना शुरू कर दिया। जब तक ग्रामीण मौके पर पहुंचते और पुलिस को मौके पर बुलाकर रेस्क्यू अभियान चलाते पांचों की मौत हो चुकी थी।
आवश्यक कार्रावाई के बाद पुलिस ने शवों को दोपहर बाद पोस्टमार्टम के लिए चिकित्सालय भिजवाया जहां से पोसटमार्टम के बाद शवों को परिजनों को सौंद दिया गया। मरने वाले किशोरों में तीन कूना गांव से ही है जबकि मोहित सिमलाई और एक राजेश ऊर्फ रा​हुल गैनार गांव का रहने वाला था। इनमें से दो किशोर अपने अपने माता —पिता की इकलौती संतान थे।
कल शाम सभी पांचों किशोरों का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

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