ब्रेकिंग उत्तराखंड : दिल्ली हास्पिटल से 47 दिन बाद भी न ड्यूटी पहुंचा ना ही घर आया सेना का नायब सूबेदार, परिजनों को अब सोशल मीडिया से उम्मीद, पढ़िये पिथौरागढ़ के एक अधूरे परिवार की पूरी दास्तान

हल्द्वानी। सेना के एक नायब सूबेदार ब्रेन ट्यूमर के सफल आपरेशन के बाद दिल्ली के बेस चिकित्सालय से डिस्चार्ज तो हो गये लेकिन आज 47 दिन बाद भी वह घर नहीं पहुंच सके है। अब घर में उसकी बूढ़ी मां और 12 साल का बेटा उसका इंतजार कर रहा है। रिश्तेदार उसकी तलाश में दिल्ली से रूड़की तक के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन उनकी न तो अपनी कमांड में ही आमद दर्ज हुई है और न ही पिथौरागढ़ के मूनाकोट विकासखंड के भटेरी में उनकी वापसी हुई। उनके लापता होने के दिन बढ़ने के साथ परिजनों के मन में अनहोनी की आशंका मजबूत होती जा रही है।
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उत्तराखंड के सीमांत जनपद पिथौरागढ़ के मूनाकोट विकास खंड के भटेरी गांव के रहने वाले नायब सूबेदार एसकेटी राजेंद्र सिंह बिष्ट जेसीओ 234 इंजीनियर रेजीमेंट बंगाल इंजीनियर ग्रुप एंड सेंटर रुड़की से संबंधित है। उनके फुफेरे भाई भीम सिंह बताते हैं कि राजेंद्र को मार्च 2021 मिलिट्री हॉस्पिटल रुड़की से एक ब्रेन ट्यूमर की वजह से बेस हॉस्पिटल दिल्ली में इलाज के लिए रेफर किया गया था। बेस हॉस्पिटल दिल्ली से उन्हें सर्जरी के लिए आरआर हॉस्पिटल दिल्ली रेफर किया गया । जहां उनका ब्रेन ट्यूमर का सफल ऑपरेशन किया गया, 6 अप्रैल को तत्पश्चात उन्हें फिर वापस बेस हॉस्पिटल दिल्ली में शिफ्ट कर दिया गया।
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भीम सिंह बताते हैं कि इस बीच दिल्ली में लॉकडाउन की शुरुआत हो गई, इसकी वजह से परिजन राजेंद सिंह से मिलने के लिए नहीं जा सके। परिजनों ने उनसे मिलने का प्रयास भी किया लेकिन देश हॉस्पिटल वालों ने लॉक डाउन का हवाला देते हुए मिलने नहीं दिय। लेकिन जब 14 जून को दिल्ली में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू हुई, तब परिजन उनसे मिलने पहुंचे तो बेस चिकित्सालय के स्टाफ ने बताया कि राजेंद्र सिंह बिष्ट को 30 अप्रैल हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया है।
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आज उनको डिस्चार्ज हुए 47 दिन हो चुके हें। लेकिन न तो वे अपनी ड्यूटी पर ही पहुंचे हैं और न ही अपने घर। उनकी डिस्चार्ज स्लिप के अनुसार वे 30 अप्रैल को चिकित्सालय से डिस्चार्ज कर दिए गए थे। लगभग 44 वर्षीय राजेंद्र की की पत्नी का लगभग नौ महीने पहले ही निधन हो चुका है। घर में उनकी 80 वर्षीय मां है और एक 12 वर्षीय पुत्र है। अब मां को समझ नहीं आ रहा कि जब बेटा चिकित्सालय से ठीक होकर डिस्चार्ज हो गया था तो आखिर गया कहां।
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सत्यमेव जयते.काम भी अपने पाठकों से आग्रह करता है कि देश के इस रक्षक की मानसिक स्थिति इस समय उतनी मजबूत नहीं होगी। उनके पास रूपये भी नहीं है। इसलिए ऐसे वक्त में देश के इस जवान को अपने देशवासियों से मदद की आवश्यकता है। मदद भी सिर्फ यह कि वे अगर आपको कहीं दिखें तो उनके परिजनों को 8433 2340 88, 9456378580 या 853 404 7107 मोबाइल नंबरों पर जानकारी दे दें ताकि उन्हें उनके घर लौटाया जा सके।

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