अल्मोड़ा…इतिहास में पहली बार : परिवार जलने के पूरे 24 घंटे बाद जलाया गया रावण का पुतला, आज शाम को शिखर होटल तिराहे के पास किया गया आग के हवाले

अल्मोड़ा। सांस्कृतिक नगरी में पिछले 24 घंटों के भीतर वह सबकुछ हो गया जो यहां के दशहरे उत्सव के इतिहास में आज तक नहीं हुआ। क्या आप यकीन करेंगे कि यहां दशानन रावण् का पुतला कल दसमी के दिन नहीं बल्कि आज अब से कुछ देर पहले एकादशी के दिन जलाना पड़ा। जबकि रावण परिवार के समस्त पुतलों को कल ही आग के हवाले कर दिया गया था। यह किसी धार्मिक मान्यता को पूरा करने के लिए नहीं किया गया बल्कि यह हुआ रावण परिवार की शोभायात्रा में दो पुतला समितियों के सदस्यों के बीच हुए विवाद की वजह से। संयोग से इनमें से एक पक्ष रावण बनाने रावण का पुतला बनाने वाली समिति का थ। इसलिए विवाद पर विरोध जताने के लिए रावणका पुतला स्टेडियम से वापस नंदा देवी मंदिर परिसर में लाकर खड़ा कर दिया गया। आज देर शाम जब दोनों पक्षों के बीच समझौता हुआ तब कहीं जाकर रावण के पुतले को आग नसीब हुई।


दरअसल हुआ यूं कि कल सुबह से रावाण परिवार के पुतलों और श्रीराम रथ की शोभा यात्रा देर शुरू हुई शोभा यात्रा की झांकियां एक एक कर स्टेडियम के अंदर प्रवेश कर रही थीं। इसी बीच एक पुतला निर्माण समिति से जुड़े कार्याकर्ता रावण का पुतला बनाने वाली समिति के पदाधिकारी से उलझ गया। उसने रावण का पुतला बनाने वाले समिति के सदस्य के साथ न सिर्फ अभद्रता की उसके कपड़े भी फाड़ दिया। बस इसी बात से रावण का पुतला बनाने वाली समिति के सदस्य नाराज हो गए और उन्होंने अपना पुतला वापस ले जाने का निणर्य ले लिया।

देखते ही देखते रावण का पुतला उल्टी यात्रा पर निकल पड़ा। हालांकि रस्म के तौर पर कल रावण का एक सिर जलाया गया। इसी के साथ रावाण के परिवार के बाकी पुतले भी जला दिए गए। लेकिन रावण तो रावण ठहरा। आसानी से तो जलना नहीं था।समिति के सदस्य रावण के पुतले को लेकर नंदा देवी मंदिर परिसर में पहुंचे और उसे वहीं पर खड़ा कर दिया गया। इसके बाद पूरे शहर में हलचल होनी स्वाभाविक थी। पुतले को दोबारा स्टेडियम में लेजाकर आग के हवाले करने के प्रयास पूरी रात चलते रहे, लेकिन एक भी प्रयास सिरे नहीं चढ़ सका।


आज भी सुबह से विवाद को निपटाने के प्रयास नहीं सिरे से शुरू किए गए। प्रशासन भी बीच में पड़ा लेकिन दोनों पक्ष किसी की सुनने को तैयार नहीं थे। अंतत: एसडीएम और कई अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में दोनों पक्षों में समझौता हो सका।


गुरुवार यानि आज शाम नगरपालिका में हुई बैठक में रावण के पुतले के दहन को लेकर सहमति बन गई है। नगरपालिका पार्किंग के पास दशानन के पुतले का दहन किया। अल्मोड़ा के इतिहास में यह पहली बार है जब रावण के पुतले का दहन विजयादशमी नहीं बल्कि एकादशी के दिन हो रहा है।

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बैठक में एसडीएम गोपाल सिंह चौहान, दशहरा महोत्सव समिति व नंदादेवी पुतला समिति के सदस्य नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चन्द्र जोशी, कैलाश गुरुरानी-मुख्य संयोजक दशहरा समिति, सुशील साह-व्यापार मण्डल अध्यक्ष, मनोज सनवाल, मनोज वर्मा-अध्यक्ष नंदादेवी मेला समिति, यूसुफ तिवारी, परितोष जोशी, डॉ. रमेश लोहनी, सी.पी. वर्मा, अर्जुन बिष्ट, धनंजय साह, दयाकृष्ण काण्डपाल, गौरव कनवाल, प्रभारी निरीक्षक कोतवाली अल्मोड़ा आदि उपस्थित रहेसदस्य, कोतवाल राजेश कुमार के अलावा नगर के अन्य वरिष्ठ लोग मौजूद रहे।

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