हिमाचल… स्वतंत्र भारत के प्रथम मतदाता श्याम सरण ने केक काटकर मनाया 105वां जन्मदिन, 33 बार कर चुके मतदान

रिकांगपिओ (किन्नौर)। स्वतंत्र भारत के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी ने शुक्रवार को परिवार के सदस्यों और जिला प्रशासन किन्नौर के साथ अपना 105वां जन्मदिन मनाया। उपायुक्त किन्नौर आबिद हुसैन सादिक ने देश के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी का जन्मदिन मनाने के लिए विशेष प्रबंध किए थे।

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श्याम सरण ने केक काटकर जन्मदिन मनाया। उपायुक्त ने श्याम सरण नेगी को बधाई दी और दीर्घायु की कामना की। उन्होंने कहा कि किन्नौर वासी सौभाग्यशाली हैं कि स्वतंत्र भारत के प्रथम मतदाता श्याम सरण नेगी किन्नौर जिले से संबंध रखते हैं।

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वह न केवल हिमाचल प्रदेश और किन्नौर, बल्कि देश की शान हैं। सभी के लिए प्रेरणास्रोत हैं। कहा कि श्याम सरण नेगी ने स्वतंत्र भारत में अब तक हुए सभी चुनावों में मतदान किया है। सभी लोकसभा, विधानसभा और पंचायत चुनावों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया है।

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इस दौरान पुलिस अधीक्षक अशोक रत्न, एसडीएम कल्पा डॉ. शशांक गुप्ता, जिला परिषद सदस्य कल्पा सरिता, भाजपा महासचिव यशवंत नेगी, प्रधान कल्पा पंचायत सरिता नेगी और नायब तहसीलदार इंद्र सिंह सहित अन्य भी मौजूद रहे।

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श्याम सरण नेगी ने मंडी संसदीय सीट के उपचुनाव के लिए 30 अक्तूबर, 2021 को 33वीं बार अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर मजबूत लोकतंत्र का संदेश दिया था। उन्होंने अपनी तीन पीढ़ियों के साथ आदर्श मतदान केंद्र कल्पा-51 में मतदान किया। संसदीय चुनाव के लिए यह उनका 18वां मतदान था। जबकि आजादी के बाद से अब तक सभी चुनावों में 33वां वोट था।

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एक जुलाई, 1917 को कल्पा में जन्में श्याम सरण नेगी ने पहला वोट 25 अक्तूबर, 1951 को ब्रिटिश शासन की समाप्ति के बाद हुए पहले चुनाव में डाला था। कल्पा जनजातीय जिले का हिस्सा है। यहां बर्फबारी होने से पहले ही मतदान प्रक्रिया हो गई थी और श्याम सरण नेगी ने सबसे पहले वोट डाला था।

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श्याम सरण नेगी का जन्म जुलाई 1917 को किन्नौर के कल्पा में हुआ। 10 साल की उम्र में स्कूल गए नेगी की पांचवीं तक की पढ़ाई कल्पा में हुई। इसके बाद पढ़ाई के लिए रामपुर बुशहर गए। रामपुर जाने के लिए पैदल तीन दिन लगते थे।

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नौवीं कक्षा तक की पढ़ाई रामपुर में ही की। उम्र ज्यादा होने से 10वीं कक्षा में प्रवेश नहीं मिला। मास्टर श्याम सरण नेगी ने शुरू में 1940 से 1946 तक वन विभाग में वन गार्ड की नौकरी की। उसके बाद शिक्षा विभाग में चले गए और कल्पा लोअर मिडल स्कूल में अध्यापक बने।

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देश में फरवरी 1952 में पहला लोकसभा चुनाव हुआ, लेकिन किन्नौर में भारी हिमपात के चलते पांच महीने पहले सितंबर 1951 में ही चुनाव हो गए। पहले चुनाव के समय श्याम सरण नेगी किन्नौर के मूरंग स्कूल में अध्यापक थे और चुनाव में उनकी ड्यूटी लगी थी। उन्हें वोट देने का भी शौक था। उनकी ड्यूटी शौंगठोंग से मूरंग तक थी, जबकि वोट कल्पा में था।

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इसलिए उन्होंने सुबह वोट देकर ड्यूटी पर जाने की इजाजत मांगी। वह सुबह-सुबह मतदान स्थल पर पहुंच गए। 6:15 बजे मतदान ड्यूटी पार्टी पहुंची। नेगी ने जल्दी मतदान करवाने का निवेदन किया। मतदान पार्टी ने रजिस्टर खोलकर उन्हें पर्ची दी। मतदान करते ही इतिहास बन गया और मास्टर श्याम सरण नेगी आजाद भारत के पहले मतदाता बन गए।

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