बागेश्वर … राजनीति : तो क्या भाजपा रिपीट करेगी दोनों वर्तमान विधायकों को
बागेश्वर। उत्तराखंड में भाजपा में टिकटों को लेकर मंथन अंतिम दौर में हैं। अब तक टिकटों को लेकर होमवर्क पूरा होने को है। भाजपा फील्ड की रिपोर्ट पर ही मुहर लगाने की रणनीति पर फोकस कर रही है।
इस दौरान दावेदारों की देहरादून से लेकर दिल्ली तक सीनियर नेताओं की परिक्रमा जारी है, लेकिन इस बार परिक्रमा से टिकट चाहने वाले दावेदारों को झटका लग सकता है। बागेश्वर जिले से तो फिलहाल यही संकेत मिल रहें हैं।विश्वसनीय सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार भाजपा के दोनों ही सिटिंग विधायकों के टिकट लगभग तय हैं।बागेश्वर के विधायक चंदन राम दास लगातार तीन बार से जीतते हुए आ रहें हैं।साथ ही वो एक साफ सुथरी छवि के नेता माने जाते हैं और सबसे बढ़ी बात है कि भाजपा के पास फिलहाल विधायक दास के कद का कोई नेता यहां पर नहीं है।
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वहीं कपकोट विधानसभा की बात करें तो यहां पर विधायक बलवंत सिंह भौर्याल एक सीधे साधे नेता के तौर पर जाने जाते हैं और साथ ही संगठन में उनकी मजबूत पकड़ मानी जाती है।पुराने दिनों भाजपा ज़ब जिले में संघर्ष कर रही थी,तब भौर्याल ही वो नेता थे जिन्होंने यहां पर पार्टी को मजबूती देने का काम किया।
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वैसे भाजपा में टिकट बंटवारे के लिए 3 तरह के सर्वे आधार माने जाते हैं। पहला प्रदेश स्तर संगठन का दूसरा सर्वे संघ अपने स्तर से करवाता है जबकि तीसरा और अहम केन्द्रीय नेतृत्व की ओर से कराया जाता है। इन तीनों के बाद ही भाजपा में टिकट बंटवारे की प्रक्रिया शुरू होती है।पार्टी की ओर से जमीनी स्तर के नेताओं को ही टिकट देने की बात की जा रही है। हालांकि पार्टी ने इस बार ऐज फैक्टर को हटाने की बात की है। साफ है कि भाजपा में इस बार पुराने और दिग्गज चेहरों के टिकट कटने की संभावना कम है।
वहीं बागेश्वर जिले को लेकर विश्वसनीय सूत्रों का कहना है कि अभी कुछ समय पहले उत्तराखंड के दिग्गज नेता और वर्तमान में महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी उत्तराखंड आये हुए थे। इस दौरान उन्होंने जिले के दोनों विधायकों को 2022 विधानसभा के लिये अपना आशीर्वाद दिया। फिलहाल सभी को टिकटों की घोषणा का इंतजार है।
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