कोरोना की दूसरी लहर ने देश में मचाया कहर, मार्च से अब तक 46 हजार 563 लोगों की मौत

नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण की पिछले वर्ष पहली लहर ने तो तबाही मचाई ही थी लेकिन इस महामारी की दूसरी लहर ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। पिछले तीन माह से कम समय में ही एक मार्च से अब तक कोविड-19 के कारण एक लाख 46 हजार 563 लोगों की मौत होने जाने से इसके प्रकोप से मरने वाला का कुल आंकड़ा तीन लाख के पार जा पहुंचा है जो अमेरिका और ब्राजील के बाद सर्वाधिक है। अब भले ही इसके संक्रमण की रफ्तार धीमी पड़ रही है, लेकिन मौत के प्रतिदिन आ रहे आंकड़े अब भी दिलो-दिमाग में सनसनी पैदा करते हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे के दौरान 4,454 कोरोना मरीज अपनी जान गंवा बैठे हैं जिससे इस बीमारी से मरने वालों की संख्या बढ़कर 3,03,720 हो गयी है। जानलेवा वायरस संक्रमण के कारण हो रही मौतों के मामले में भारत दुनिया भर में तीसरे नंबर पर आ गया है। इससे पहले अमेरिका और ब्राजील में ही कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा तीन लाख के पार पहुंचा था।

ताजा आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में महाराष्ट्र में 1320 और मौतों के बाद मृतकों का आंकड़ा 88,620 पहुंच गया है जो राज्य वार संख्या के हिसाब से सर्वाधिक है। इसके बाद कर्नाटक का स्थान है जहां 622 और लोगों के जान गंवा देने के बाद मृतकों का आंकड़ा 25,282 हाे गया है। राज्य के हिसाब से मौतों के आंकड़े पर नजर डाली जाए तो एक और दक्षिणी राज्य तमिलनाडु में पिछले 24 घंटे के दौरान 422 मरीजों की मौत के साथ वहां मृतकों का आंकड़ा 20,468 पहुंच गया है। इसके बाद आबादी के हिसाब से देश के सबसे बढ़े राज्य उत्तर प्रदेश का स्थान आता है जहां पिछले 24 घंटे में 231 और लोगों के कोरोना से मौत हो जाने के कारण मृतकों की संख्या 19,209 हो गयी है।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया है कि देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से होने वाली मौतों में 70 प्रतिशत से अधिक लोग अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रस्त थे। मंत्रालय के मुताबिक कोरोना मरीजों की मृत्यु दर अभी भी महज 1.14 फीसदी है।

इससे पहले भारत दुनिया में सबसे ज्यादा कोरोना मामले रिकॉर्ड होने वाले देशों में दूसरे स्थान पर आ गया था। इस मामले में अमेरिका पहले पायदान पर है। यह उस समय की बात है जब देश में कोरोना की दूसरी लहर पीक पर थी और देश में रोज़ाना संक्रमण के चार लाख से ज्यादा मामले रिकार्ड हो रहे थे और मौत का आंकड़ा प्रतिदिन 4000 तक पहुंच गया था। फिलहाल संक्रमण मामले में थोड़ा सुधार देखा जा रहा है लेकिन मौत का आंकड़ा थमने का नाम नहीं ले रहा है।

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