हल्द्वानी…एक्सक्लूसिव : कोरोना स्पेशल शमशान घाट से लकड़ी तौलने के दो इलेक्ट्रानिक कांटे चोरी, 14 महीनों से वन निगम को टहलाती रही वनभूलपुरा पुलिस, अब हुआ केस दर्ज
हल्द्वानी। पुलिस पर केस दर्ज करने में लापरवाही बरतने के आरेाप तो लगते रहते हैं, लेकिन इस बार पुलिस की लापरवाही वन निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों के लिए आर्थिक दंड बनने वाली है। अब पुलिस ने इस मामले में भेजे गए ताजा पत्र के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया है। साथ ही तहरीर में उन सभी बातों को भी मुकदमें की शक्ल में दर्ज किया है जिससे स्पष्ट हो रहा है कि इस मामले में वन निगम से ज्यादा गलती पुलिस विभाग की है। मामला कोरोना काल में अंतिम संस्कार के लिए गौला रौखड़ में बनाए गए शवदाह स्थल पर वन निगम द्वारा लगाए गए लकड़ी के टाल से दो इलैक्ट्रानिक कांटे चोरी होने का है। वनभूलपुरा पुलिस ने अब इस मामले में पूरे 14 महीने बाद केस दर्ज किया है।
मिली जानकारी के अनुसार कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान मरने वालों की संख्या बढ़ी तो राजपुरा के शमशान घाट पर जगह कम पड़ने लगी। ऐसे में प्रशासन ने गौला रोखड़ में गौजाजाली क्षेत्र में एक अतिरिक्त शमशान घाट तैयार करवाया।
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यहां मृतकों के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी वन निगम को दी गई। लेकिन शमशान घाट बनने के बाद कुछ ही दिनों के भीतर 14 मई को यहां लकड़ी तौलने के लिए लगाए गए इलेक्ट्रानिक कांटे चोरी हो गए। अगले ही दिन वन निगम के कर्मचारियों ने वनभूलपुरा थाने को पत्र लिखकर कांटे चेारी होने की सूचना दी और चोरों की धरपकड़ का आग्रह किया।
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तहरीर के मुताबिक 15 मई 2021 को जब यह पत्र लेकर उनका कर्मचारी वनभूलपुरा पुलिस थाने पहुंचा तो तत्कालीन थाना प्रभारी ने यह कहते हुए पत्र वापस कर दिया कि वे चोरों की तलाश करेंगे और कांटे मिलने पर उन्हें सूचित कर देंगे।
एक महीने बाद भी जब पुलिस की ओर से कोई सूचना नहीं आई तो प्रभागीय लैगिंग प्रबंधक ने एक बार वनभूलुपरा थाने को पत्र लिखकर इस मामले में मुकदमा दर्ज करने का आग्रह किया ताकि उसकी प्रति वे अपने विभाग के अधिकारियों को भेज सकें, लेकिन संभवत तत्कालीन थाना प्रभारी ने इस तथ्य को किनारे रख दिया।
उन्होंने एक बार फिर वन निगम का पत्र वापस लौटा दिया और कहा कि वे कांटों की खोजबीन कर रहे हैं।
इसके बाद अब 14 महीने बाद भी पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई न होते देख। वन निगम के उच्चाधिकारियों पुलिस रिपोर्ट के बिना यह मानने को तैयार ही नहीं हें कि कांटों की चोरी हो गई है। और पुलिस इस मामले में मुकदमा दर्ज ही नहीं कर रही है। वन निगम के उच्चाधिकारियों ने वहां तैनात कर्मचारियों के वेतन से कांटों के मूल्य की वसूली की चेतावनी दे दी है।
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अब वन निगम के कर्मचारियों ने एक बार पूरी राम कहानी वनभूपुरा थाने के नए प्रभारी लिख भेजी है। पुलिस ने भी इस मामले में पूरे 14 महीने बाद मुकदमा दर्ज करके मामले की छानबीन शुरू कर दी है। अभी यह पता नहीं चल सका है कि मामले में लापरवाही बरतने वाले तत्कालीन थाना प्रभारीपर अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं।
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