हल्द्वानी…लो कर लो बात: सुशीला तिवारी अस्पताल में 3 गुना तक महंगा होगा इलाज
हल्द्वानी। सरकारी अस्पतालों और देहरादून के राजकीय मेडिकल कॉलेज की तरह ही राजकीय मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में भी हर तरह की जांचें महंगी होंगी। सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जांच-इलाज की सुविधा समान दर पर देने की कवायद शुरू हो गई है।
एसटीएच में इस समय करीब 20 साल पुरानी दरों पर ही इलाज की सुविधा दी जा रही है। यदि समान दर पर जांच-इलाज की अनुमति मिलती है तो पर्चा बनवाने से लेकर ईसीजी, सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड तक के लिए मरीज को तीन से चार गुना कीमत चुकानी पड़ेगी। 5 रुपये के पर्चे के लिए 17, अल्ट्रासाउंड के लिए 150 के बजाय 364 और सीटी स्कैन के लिए 400 रुपये की बजाय डेढ़ से दो हजार रुपये चुकाने पड़ सकते हैं।
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दरअसल उत्तराखंड के सरकारी मेडिकल कॉलेजों में जांच-इलाज की सुविधा जल्द एक समान दर पर मिलेगी। इन मेडिकल कॉलेजों के प्राचार्य एक सप्ताह में महानिदेशक-चिकित्सा शिक्षा को इसका प्रस्ताव भेजेंगे। प्रदेश में वर्तमान में देहरादून, हल्द्वानी, श्रीनगर और अल्मोड़ा में मेडिकल कॉलेज संचालित हैं।
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मेडिकल कॉलेजों और सरकारी में जांच-इलाज की दरें
जांच एसटीएच/दून मेडिकल कॉलेज बेस हल्द्वानी
पर्ची 05 रुपये 17 रुपये 28 रुपये
ईसीजी 50 रुपये 177 रुपये 287 रुपये
सीटी स्कैन 400 रुपये 1500 से 2100 3400
ईको 150 रुपये 354 रुपये –
अल्ट्रासाउंड 150 रुपये 364 रुपये 525 रुपये
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों ने राय दी है कि 12 महीने ओपीडी का समय भी एक ही रखा जाए। यानी सुबह नौ से दोपहर तीन बजे तक ओपीडी चलाई जाए। अभी तक ओपीडी का समय गर्मियों में सुबह आठ से दोपहर दो और सर्दियों में सुबह नौ से दोपहर तीन बजे तक रहता है।
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मेडिकल कॉलेजों में जांच की दरें समान होने के बाद खाद्य पदार्थों, पेट्रोलियम उत्पादों पर पहले से ही महंगाई झेल रही आम जनता को खासा परेशानी झेलनी पड़ेगी। सुशीला तिवारी अस्पताल हल्द्वानी पर इस समय कुमाऊं के सभी 6 जिलों का भार है। जांच और इलाज की दरें कम होने के कारण हर वर्ग के लोग इस अस्पताल का लाभ उठा रहे हैं। अस्पताल प्रशासन की मानें तो 2002 में उत्तराखंड में मेडिकल काउंसिल ऐक्ट लागू होने के बाद से एसटीएच में दरें रिवाइज नहीं हुई हैं। 20 साल पहले एसटीएच में जो रजिस्ट्रेशन पर्चा 5 रुपये का बन रहा था, वह आज भी 5 रुपये पर ही है।
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