नालागढ़ : बीबीएन क्षेत्र में विद्युत उपभोक्ताओं के लिए वरदान साबित हो रहे हैं ग्रिड से जुड़े सौर विद्युत ऊर्जा संयंत्र

नालागढ़। हिमाचल प्रदेश सरकार के हिम ऊर्जा विभाग द्वारा नालागढ़ उपमंडल में स्थापित किए जा रहे सौर ऊर्जा संयंत्र विद्युत उपभोक्ताओं के लिए वरदान साबित हो रहे हैं। केंद्र सरकार के नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के सोलर फोटोवॉल्टिक कार्यक्रम के अंतर्गत हिम ऊर्जा द्वारा जिला सोलन में वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान लगभग 150 किलोवाट क्षमता के 25 सौर विद्युत ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए गए हैं जिनमें से 100 किलो वाट से अधिक क्षमता के 16 सौर ऊर्जा संयंत्र केवल नालागढ़ उपमंडल में ही स्थापित किए गए हैं।

नालागढ़ उपमंडल में भवनों की छतों पर स्थापित किए गए ऑन ग्रिड सौर ऊर्जा संयंत्र लाभार्थियों में से एक हैं ग्राम पंचायत खेड़ा के गांव खेड़ा चक निवासी बीर सिंह चंदेल। पेशे से ट्रांसपोर्ट एवं नालागढ़ ट्रक यूनियन के कोषाध्यक्ष बीर सिंह चंदेल को हिम उर्जा की इस योजना के बारे में प्रेरणा नालागढ़ ट्रक यूनियन के प्रधान चौधरी विद्या रतन से मिली। जिसके पश्चात उन्होंने वर्ष 2018 में गांव खेड़ा चक में अपने रिहायशी मकान की छत पर 6.5 किलो वाट क्षमता का सौर विद्युत ऊर्जा संयंत्र लगवाया। हिमऊर्जा विभाग के माध्यम से करीब एक लाख बीस हजार रुपए की लागत से स्थापित इस संयंत्र से उत्पादित बिजली से बीर सिंह चंदेल को सालाना लगभग पचास हजार रुपए की बचत हो रही है। इस प्रकार उनके द्वारा खर्च की गई राशि 3 वर्षो के अंदर ही प्राप्त होने जा रही है।

सरकार की जनहित में चलाई जा रही इस योजना से बीर सिंह चंदेल बेहद उत्साहित व प्रसन्न है। बीर सिंह चंदेल कहते हैं कि नालागढ़ क्षेत्र में अधिक गर्मी होने के कारण अन्य क्षेत्रों की उपेक्षा बिजली की खपत ज्यादा होती है इसलिए सरकार की यह योजना बीबीएन क्षेत्र के लिए विशेष रुप से लाभदायक है। बीर सिंह चंदेल ने क्षेत्र के लोगों को इस योजना का ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त करने की अपील की है।

हिम ऊर्जा के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी सोलन से प्राप्त जानकारी के अनुसार केंद्र सरकार के सौर ऊर्जा कार्यक्रम के अंतर्गत जिला सोलन में हिम उर्जा द्वारा अब तक 1.51 मेगावाट क्षमता के ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं जिनके माध्यम से रोजाना लगभग 7589 यूनिट बिजली पैदा हो रही है। केंद्र सरकार की ओर से इस योजना में 3 किलो वाट तक के ग्रिड से जुड़े सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए 40% अनुदान दिया जा रहा है जबकि 3 से 5 किलो वाट तक के लिए 20% अनुदान दिया जा रहा है। समूची प्रक्रिया पूरी होने के पश्चात संयंत्र स्थापित हो जाने के उपरांत हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा भी इस योजना के लाभार्थियों को प्रति किलो वाट रूपए 4000 की राशि प्रदान की जा रही है।

सौर ऊर्जा संयंत्रों के लिए दिया जाने वाला उपदान केवल बिजली के घरेलू उपभोक्ताओं को ही दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त वाणिज्यिक उपभोक्ता भी बिना उपदान के प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित दरों पर अधिकृत विक्रेताओं के माध्यम से सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त हिमऊर्जा द्वारा ऑफ ग्रिड सोलर हाइब्रिड इनवर्टर भी विद्युत उपभोक्ताओं को उपलब्ध करवाए जाते हैं, जिनसे न केवल बिजली की बचत होती है बल्कि दिन के समय सोलर पैनल से प्राप्त विद्युत ऊर्जा को संचित कर उसे रात के समय भी इस्तेमाल किया जा सकता है। योजना के इच्छुक विद्युत उपभोक्ताओं को हिमाचल प्रदेश राज्य बिजली बोर्ड से सहमति पत्र प्राप्त करने के पश्चात केंद्रीय सब्सिडी को छोड़कर केबल उपभोक्ता अंश ही हिमुर्जा कार्यालय में जमा करवाना होगा। जिसके पश्चात एक निर्धारित अवधि में हिम ऊर्जा विभाग की देखरेख में अधिकृत विक्रेताओं द्वारा लाभार्थी के आवास की छत पर सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर दिया जाता है।

सौर ऊर्जा संयंत्रों की विद्युत उत्पादन अवधि लगभग 25 वर्ष है जबकि 5 वर्ष तक की अवधि के लिए विक्रेताओं द्वारा इसकी वारंटी दी जाती है।

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