नालागढ़…कृषि: अमर चंद ठाकुर ने इलाके में कृषि तथा बागवानी के क्षेत्र में बनाई विशेष पहचान

गुरदयाल दयाली
नालागढ़। 
विकास खंड नालागढ़ की ग्राम पंचायत नंदपुर के गांव डूमनवाला निवासी अमर चंद ठाकुर की इलाके में कृषि तथा बागवानी के क्षेत्र में विशेष पहचान है। गत 20 वर्षों से कृषि और बागवानी को स्वरोजगार के रूप में अपनाने वाले प्रगतिशील किसान अमर चंद के लिए हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा कृषि तथा उद्यान विभाग के माध्यम से  जनहित में चलाई गई योजनाएं मददगार साबित हुई है। 

अमर चंद ठाकुर बताते हैं कि कृषि पशुपालन व बागवानी से संबंधित व्यवहारिक ज्ञान उन्हें विरासत में ही मिला।  वर्ष 1978 में दसवीं की पढ़ाई प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने के पश्चात भी उन्होंने अपने इस पैतृक पेशे को चुना लेकिन वर्ष 2002 के में उन्होंने अपने इस स्वरोजगार को स्तरोन्नत करने की योजना बनाई। इसी दौरान उन्हें उद्यान विभाग के अधिकारियों का मार्गदर्शन मिला तथा उन्होंने 15 बीघा भूमि में वैज्ञानिक तरीके से 25 फीट की दूरी पर आम, नींबू, सेब, तथा नाशपति इत्यादि के फलदार पौधे लगाए। उन्होंने बताया कि बगीचे में फलदार पौधों के बीचों बीच कृषि विभाग के दिशा निर्देश अनुसार हर वर्ष मौसम के अनुसार अलग-अलग फसलें उगाते हैं। उनके पास कुल 45 बीघा जमीन है तथा उनके द्वारा बिना किसी रासायनिक उर्वरक तथा कीटनाशक के जैविक खेती की जाती है।

प्रगतिशील किसान व बागवान अमर सिंह ठाकुर आज भी निरंतर कृषि तथा बागवानी विभाग के संपर्क में है तथा उन्हीं के दिशा निर्देशानुसार न केवल वैज्ञानिक तरीकों को अपनाते हुए जैविक विधियों से कृषि व बागवानी करते हैं बल्कि हर वर्ष विभिन्न मौसमों में फसल विविधीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं।
अमर चंद ठाकुर को प्रदेश सरकार के कृषि तथा बागवानी विभागों के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ भी समय-समय पर मिलता रहा है।वर्ष 2005-6 में उद्यान विभाग की ओर से बगीचा लगाने के लिए ₹15000 की सहायता राशि के अलावा केंचुआ खाद इकाई लगाने के लिए ₹15000 तथा ड्रिप सिंचाई प्रणाली स्थापित करने के लिए ₹18585 की सहायता राशि प्राप्त हुई जबकि वर्ष 2011 में सिंचाई ट्यूबेल स्थापित करने के लिए ₹103000 उपदान राशि प्राप्त हुई। 
वित्त वर्ष 2021-22 में कृषि विभाग के भू संरक्षण खंड की ओर से सिंचाई से संबंधित कार्यों के लिए उन्हें 3 इंच मोटी 350 मीटर लंबी पाइप तथा स्प्रिंकलर की खरीद पर 85000 का उपदान मिला जबकि ट्रैक्टर से जुताई करने के लिए हैरो नामक मशीन की खरीद पर उन्हें ₹32000 उपदान राशि प्राप्त हुई।

अमर चंद ठाकुर के 35 वर्षीय बेटे राजेश कुमार ने भी अपने पिता के नक्शे कदम पर चलते हुए 10 + 2 की पढ़ाई करने के पश्चात कृषि व बागवानी को ही पेशे के रूप में अपनाया है। वर्तमान में अमरचंद व उसका बेटा न केवल अपने कृषि व बागवानी से संबंधित इस स्वरोजगार से  सालाना लाखों रुपए की आय अर्जित कर रहे हैं बल्कि मजदूरी के रूप में स्थानीय व प्रवासी मजदूरों के लिए भी लाखों रुपए का रोजगार प्रदान कर रहे हैं।अपने फसल उत्पादन के विषय में जानकारी प्रदान करते हुए अमरचंद ने बताया कि गत कई वर्षों से प्रदेश सरकार के कृषि विभाग को गेहूं तथा उड़द के बीज की पैदावार कर बेच रहे हैं। वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान उनके द्वारा 80 किवंटल गेहूं बीज तथा 15 किवंटल उड़द बीज का उत्पादन कर कृषि विभाग को बेचा  गया। 
इसके अतिरिक्त 25 क्विंटल हल्दी तथा 20 क्विंटल अदरक बीज का उत्पादन भी उनके द्वारा किया गया है। अमरचंद को कृषि उत्पादन के अतिरिक्त अपने बगीचे से सालाना ₹100000 की आमदन हो रही है। इस प्रकार अमरचंद ठाकुर अपने ही गांव में स्वरोजगार अपनाकर लाखों रुपए सालाना अर्जित कर रहे हैं तथा  अपने परिवार के साथ खुशहाल जीवन यापन कर रहे हैं।
अमर चंद ठाकुर ने क्षेत्र के शिक्षत युवाओं को संदेश दिया है कि वह निम्न आय की नौकरी के पीछे भागने की बजाय हिमाचल प्रदेश सरकार की स्वरोजगार संबंधी योजनाओं को अपनाकर खुद का स्वरोजगार स्थापित करें तथा क्षेत्र के अन्य लोगों के लिए भी रोजगार का माध्यम बने।

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