टोक्यो ओलंपिक : भरपूर रोमांच लेकिन महिला हॉकी में कास्य जीतने का सपना न हो सका पूरा

टोक्यो। भारत का महिला हॉकी टीम का टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने का सपना टूट गया। ब्रॉन्ज मेडल मैच में ग्रेट ब्रिटेन ने भारत को 4-3 से हरा दिया। कड़े मुकाबले में भारतीय महिला टीम ने शानदार खेल दिखाया और दूसरे क्वार्टर में 3-2 की बढ़त बना ली थी। हालांकि, टीम इस बढ़त को कायम नहीं रख सकी और ब्रिटेन ने तीसरे और चौथे क्वार्टर में 15 मिनट के अंदर 2 गोल दाग 4-3 से मैच जीत लिया। मैच हारने के बाद मैदान पर भारत की खिला​ड़ी फूट फूट कर रोईं। ब्रिटेन की खिलाड़ियों ने खेल भावना का शानदार नमूना पेश करते हुए उनहे हौसला दिया।


टीम इंडिया ने इस पूरे टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया और पहली बार सेमीफाइनल में जगह बनाकर इतिहास रच दिया था। टीम इससे पहले सिर्फ 2 बार ओलिंपिक खेली है। 1980 में टीम टॉप-4 में पहुंची थी। उस वक्त सेमीफाइनल फॉर्मेट नहीं था। वहीं 2012 रियो ओलिंपिक में टीम 12वें स्थान पर रही थी।


पहले क्वार्टर में दोनों टीमों ने अटैकिंग हॉकी खेली। ग्रेट ब्रिटेन ने मैच के दूसरे मिनट में ही पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। भारत की गोलकीपर सविता पूनिया ने इसका अच्छा बचाव किया। ब्रिटेन ने 10वें मिनट में दूसरा पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया।

भारतीय गोलकीपर सविता पूनिया ने फिर से शानदार बचाव कर ब्रिटेन के इस पेनाल्टी कॉर्नर को भी नाकाम कर दिया।

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