उत्तराखंड ब्रेकिंग : आश्रम तथा स्कूल के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी में छोटा काणा और बड़ा काणा पर केस

देहरादून। एसएसपी देहरादून के आदेश पर आश्रम तथा स्कूल बनाने के नाम पर लोगों को मुनाफे का लालच देकर उनसे जमीन खरीदवाने के एवज में करोड़ों के घपले के मामले में आठ लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार राजपुर के रिखोली गांव निवासी गोविन्द सिंह पुण्डीर राजपुर पर लिखित तहरीर दी कि वह जमीन खरीद-फरोख्त का कार्य करते हैं, अगस्त 2023 में मूल रूप से छुटमलपुर के और वर्तमान में राजपुर के सिनोला गांव में रहने वाले अमजद अली द्वारा उनके बडे भाई से सम्पर्क कर बताया कि बुढादल समिति नादेड महाराष्ट्र के बाबा अमरीक सिंह स्कूल व आश्रम बनाने के लिये जमीन देख रहे हैं तथा उनसे जमीन क्रय करने से पूर्व उक्त जमीन की मिट्टी बाबा को उपलब्ध कराने तथा उसके उपरान्त ही जमीन खरीदने की बात बताई गयी।

जिस पर वादी के बडे भाई द्वारा उन्हें जमीन की मिट्टी उपलब्ध कराई गयी। कुछ समय पश्चात सितम्बर 2023 में अमजद अली, राम अग्रवाल, सचित गर्ग उर्फ छोटा काणा, मुकेश गर्ग उफ बडा काणा, सुमित बसंल, अर्जुन शेखावत, रणवीर, अदनान द्वारा उनके बडे भाई के पास आकर उन्हें बताया कि जमीन की मिट्टी पास नहीं हो पाई है तथा करनाल हरियाणा में कुछ किसान अपनी जमीन बेच रहे हैं, जिसकी मिट्टी बाबा द्वारा पास कर दी गई है।

उन्होंने कहा कि संस्था से जुडा होने के कारण हम सीधे उक्त जमीन को नहीं खरीद सकते हैं, हमारी किसानों से बात हो चुकी है, आप उक्त जमीन को किसानों से अपने नाम पर 40 लाख रुपये प्रति किला के हिसाब से खरीद लो, जिसे हम बाद में 2 करोड 15 लाख रुपये प्रति किला के हिसाब से बाबा को बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं।

जिस पर वादी द्वारा उक्त जमीन को क्रय करने की एवज में किसानों से सम्पर्क कर चैक व नगदी के माध्यम से कुल 21 लाख रुपये का भुगतान किया गया। उसके पश्चात बाबा अमरीक सिंह व अन्य अभियुक्तों द्वारा देहरादून आकर 51 करोड़ 60 लाख रुपये का चेक वादी को दिखाकर बताया कि संस्था द्वारा जमीन के लिये धनराशि स्वीकृत कर दी है तथा उक्त सौदे की धनराशि वादी को तभी प्राप्त होगी जब वादी द्वारा धनराशि का 3 प्रतिशत संस्था में जमा किया जायेगा। जिस पर वादी द्वारा अपने रिश्तेदारों से पैसे उधार लेकर डेढ करोड रुपये उन लोगों को दिये गये।

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इसके बाद आरोपियों ने नवम्बर 2023 में वादी को रजिस्ट्री के लिये करनाल बुलाया गया, यहां उनके द्वारा वादी को पैसों से भरा बैग तथा बैंक ड्राफ्ट दिखाते हुए बताया कि जमीन के मालिक की तबियत खराब होने के कारण अभी रजिस्ट्री सम्भव नहीं है, रजिस्ट्री के लिये वादी को बाद में दोबारा करनाल आना होगा। इस दौरान अभियुक्तो द्वारा बाबा अमरीक सिंह से वादी की मुलाकात कराई गई।

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रजिस्ट्री के लिये आरोपियों द्वारा वादी को पुन: दिसम्बर 2023 में करनाल बुलाया गया। इस दौरान उनके द्वारा वादी से सम्पर्क कर बताया गया कि जमीन की खरीददारी हेतु जो पैसे बाबा द्वारा लाये जा रहे थे, वो इन्कम टैक्स द्वारा पकड लिये गये हैं तथा उक्त पैसों को छुडाने के एवज में उनके द्वारा 06 करोड रू0 की मांग की जा रही है, जिसमें से आधे पैसों का इन्तेजाम वादी से करने को कहा गया तथा इन्कम टैक्स से पैसा न छूटने की परिस्थिती में सौदा रद्द होने तथा वादी द्वारा पूर्व में दिया गया पैसा भी डूबने का डर दिखाया गया।

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जिस पर वादी द्वारा अपने मित्रों व रिश्तेदारों से पैसा उधार लेकर लगभग 03 करोड रू0 उन्हें दिये गये, तत्पश्चात अभियुक्तों द्वारा उन्हें कुछ समय बाद रजिस्ट्री कराने का झांसा देकर टालमटोल किया जाने लगा। शिकायत कर्ता द्वारा करनाल जाकर जब उक्त भूमि के सम्बन्ध में जानकारी की गई तो उसे ज्ञात हुआ कि उक्त भूमि पूर्व से ही बैंक में बन्धक है तथा अभियुक्तों द्वारा उक्त भूमि के कूटरचित दस्तावेज दिखाकर अलग-अलग तिथियों में वादी से लगभग 07 करोड 32 लाख रुपये की धोखाधडी की गयी ।

आरोपियों के विरूद्ध जनपद देहरादून के अलावा राज्यों उत्‍तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब में भी धोखाधड़ी के कई अभियोग पंजीकृत हैं।

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