हे राम… इंसानी गंध की वजह से मां तेंदुए ने छोड़ा अपना बच्चा,शावक को मां से मिलाने की कोशिश

मेरठ। मेरठ में वन विभाग की परीक्षितगढ़ रेंज के भगवानपुर बांगर गांव के इलाके में मिले शावक को उसकी मां अपना नहीं रही है। फिलहाल वन विभाग की टीम उसकी देखरेख कर रही है। बताया गया है कि शावक में इंसानी गंध आने के कारण मां तेंदुआ फिलहाल उसे अपना नहीं रही है। डीएफओ राजेश कुमार ने बताया कि रविवार की रात में शावक और उसकी मां को मिलाने का प्रयास किया गया। फिलहाल जो प्रतीत हो रहा है कि शावक से इंसानी गंध आने के कारण मादा तेंदुए ने उसे अपनाया नहीं।

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वन विभाग वन्यजीव विशेषज्ञों एवं शीर्ष अफसरों से वार्ता के बाद मां और शावक को मिलाने के लिए आज फिर एक और प्रयास करेंगे। वन्य जीव विशेषज्ञों के मुताबिक यदि उसके बच्चे में इंसानी गंध आ जाती है तो मादा तेंदुआ अपने शावक को नहीं अपनाता। तेंदुए के शावक को रेस्क्यू करने के बाद वन विभाग की टीम ने वन्य जीव विशेषज्ञ की सलाह के मुताबिक तय मात्रा में दो से तीन बार दूध पिलाया।

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रात में वन कर्मियों की टीम शावक को नर्सरी से लेकर वापस उस गन्ने के खेत में पहुंची, जहां दिन में तेंदुए की लोकेशन को ट्रेस किया था। शावक के गन्ने के खेत में पहुंचने के कुछ देर बाद मादा तेंदुए की चहलकदमी शावक के आसपास हुई। देर रात में खबर लिखे जाने तक शावक और मादा तेंदुए की गन्ने के खेत में ही चहलकदमी का सिलसिला बना हुआ था।

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चार मार्च को पल्लवपुरम इलाके में तेंदुए की दस्तक से सनसनी फैली थी। आखिरकार 12 घंटे के रेस्क्यू अभियान के बाद तेंदुए को पकड़ लिया था। ठीक एक माह बाद वन विभाग की परीक्षितगढ़ वन रेंज के भगवानपुर बांगर गांव के जंगल में तेंदुए का शावक मिलने के बाद फिर खलबली मची। शावक को रेस्क्यू करने के बाद रविवार को दिनभर वन विभाग की टीमों ने शावक की मां की तलाश की। जहां शावक मिला था, वहां आसपास के क्षेत्र में मादा तेंदुए के भी पैरों के निशान टीम को मिले तो शावक की मां की लोकेशन ट्रेस की।

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शाम को शावक को दूध पिलाने और उसके शरीर पर उसी का मल-मूत्र को लगाकर उस गन्ने के खेत में छोड़ा, जहां उसकी मां की लोकेशन मिली थी। आखिरकार शावक को गन्ने के खेत में छोडऩे के बाद उसकी मां उसके पास आई। आसपास घूमती रही, लेकिन उसे अपनाया नहीं। माना जा रहा है कि इंसान की गंध शावक से आने के कारण शायद उसकी मां ने उसे अपनाया नहीं।

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डीएफओ राजेश कुमार का कहना था कि शावक को गन्ने के खेत में छोडऩे के बाद शावक के आसपास तेंदुए की चहलकदमी तो रही, लेकिन रात में मादा तेंदुआ वहां से शावक को लेकर नहीं गई। बताया कि शावक अगर मां से जुदा हो जाता है तो उसकी मां खूंखार हो जाती है। आबादी क्षेत्र के लिए भी खतरा रहता है। इसलिए प्रयास में जुटे है कि मादा तेंदुए शावक को अपना लें और साथ ले जाए।

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