हल्द्वानी…गोरखपुर मल्ला में रहस्यमयी आग की घटनाओं ने उड़ा दी पांडे परिवार की नींद, किराये के मकान में हुए शिफ्ट, आज सुबह जल गई मां की मैक्सी

हल्द्वानी। नैनीताल रोड स्थित मल्ला गोरखपुर में उमेश चंद्र पांडे का परिवार आठ नवंबर से अजीब उलझन में है। घर के अलग अलग हिस्सों में लगने वाली रहस्यमयी आग ने उन्हें लाखों रूपये की चपत लगा दी है। हालात यह हो गए हैं कि दो बेटों के परिवार अब अपने दो मंजिला मकान को छोड़कर सामने ही किराये के कमरों में शिफ्ट हो गए है लेकिन उनके मकान में कोई न कोई सामान जल कर रखा हो रहा है। खासकर बिजली के यंत्र, प्लास्टिक का सामान और कपड़े आग की चपेट में आ रहे हैं। आठ नवंबर से अब तक उनके घर में रहस्यमयी आग की तकरीबन तीस से ज्यादा घटनाएं हो चुकी है। आज सुबह भी घर के आंगन में टंगी वयोवृद्ध उमेश चंद्र पांडे की पत्नी की मैक्सी ने भी अचानक आग पकड़ ली। जब तक आग पर काबू पाया जाता मैक्सी का काफी हिस्सा जल चुका था।


उमेश चंद्र पांडे ने यह मकान 1951 में खरीदा था। दो तीन साल पहले उनके बेटों कमल पांडे और भानुप्रकाश पांडे ने मकान में रिनोवेशन कराया तो बिजली की नई वायरिंग भी करवाई। दोनों भाई एलआईसी में नौकरी करते हैं। कमल पांडे बताते हैं कि आठ नवंबर को चंद्र ग्रहण के बाद रात के समय एक ही रात में उनके घर में बिजली के तीन स्विच बोर्ड अचानक जल गए।

खासबात यह रही कि बिजली के स्विच बोर्ड तो जले लेकिन वायरिंग को कोई नुकसान नहीं हुआ। अगले दिन उन्होंने बिजली विभाग को सूचना दी और नए बोर्ड लगवा दिए। लेकिन नौ तारीख की रात को उनके घर ​के कम से कम पांच बोर्ड और जल गए। आगजनी की घटनाओं से हैरान परेशान कमल पांडे और उनके भाई भानु प्रकाश पांडे ने फिर से बिजली विभाग से संपर्क किया। लेकिन इससे पहले कि बिजली विभाग के लोग घर में आते उनके घर के एक कमरे में रखे बैड में आग लग गई।


बिजली विभाग के कर्मचारी आए काफी खोजबीन के बाद उनकी समझ में नहीं आया कि इस रहस्यमयी आग के पीछे के असल कारण क्या है। उन्होंने कुछ सेंपल जुटाए और इनकी वैज्ञानिक जांच की बात कह कर वापस लौट गए। जाते जाते उन्होंने मेन लाइन से पांडे परिवार की बिजली अवश्य काट दी।
पांडे परिवार को लगा कि अब शायद उनकी समस्या का समाधान हो गया। लेकिन उनका सोचना गलत था, उनके एक लोहे की ड्रॉज में रखे कागजों ने अंदर ही अंदर आग पकड़ ली। उन्हें इसकी जानकारी बाद में मिली जब ड्रॉज से धुआं निकलने लगा।


कमल पांडे बताते हैं कि उनकी मम्मी की आलमारी में रखे कपड़े स्वत: ही जल गए। सारे कपड़े निकाल कर उन्होंने आग बुझाने के बाद अपनी ही क्यारियों में डाल दिए। गजब की बात यह है कि बिजली के कनेक्शन कटने के बाद भी उनके घर के अलग अलग स्थानों पर लगे बिजली के बोर्ड एक एक करके जलते जा रहे हैं। कल शाम लगभग छह बजे उनके घर की आलमारी ने आग पकड़ ली।

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आलमारी के अंदर रखे कपड़े जलने लगे। जलने की दुर्गंध भांप कर उन्होंने आलमारी खोली औरआग पर जैसे तैसे काबू पाया। रात शांति से गुजरी और आज सुबह घर के आंगन में तार पर सुखाने के लिए टांगी गई उनकी मां की मैक्सी अचानक जल उठी। जब तक आग बुझाई जती मैक्सी की अधिकांश हिस्सा जल चुका था।

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इसी बीच सत्यमेव जयते.कॉम उनके आवास पर पहुंच गया। कमल पांडे हमारी टीम को पूरा किस्सा सुना ही रहे थे कि अचानक फिर से कुछ जलने की गंध सबको सतर्क कर दिया। कमल, उनके भाई भानु और दोनों ही परिवारों के सदस्यों ने पूरे घर को छान मारा लेकिन आग का कहीं सुराग नहीं मिला।
काफी तलाश के बाद हमारी टीम लौट आई। कमल पांडे ने बताया कि उनके घर के ठीक पीछे नहर कवरिंग का काम चल रहा है।

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जब यह काम उनके मकान की जद तक पहुंचा है तब से ही उनके घर में आगजनी की घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने बताया कि आज वे प्रशासन सेमिलकर इस रहस्यमयी आग की गुत्थी को सुलझाने के लिए विशेषज्ञों की गुत्थी को सुलझाने की मदद करें।


फिलहाल पांडे परिवार अपने घर के सामने बने मकान में किराये पर शिफ्ट हो चुकाहै लेकिन रात और दिन में अपने घर की चिंता उन्हें घर में ही बिठाए रखती है। रात को कोई कार में सोता है तो कोई खुले असमान के नीचे सोता है।

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