गोवा…राजनीति : क्या हैं गोवा में 80 प्रतिशत वोटिंग और मतदाताओं में उत्साह के मायने
गोवा। देश के सबसे छोटे राज्य गोवा। यहां के लोगों ने सोमवार को शाम 6 बजे तक मतदान केंद्रों तक पहुंच कर अपनी सरकार चुनने के लिए वोट डाला। जोरदार वोटिंग हुई। रिकार्डिंग का पैमाना 80 प्रतिशत तक जा पहुंचा। यहां 40 सीटों पर 301 कैंडीडेट्स अपनी किस्मत आजमा रहे थे। फिलहाल तो ऐसा लग रहा है कि, किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिलना मुश्किल है। लेकिन ऐसा हुआ तो यह गोवा राज्य के लिए आदर्श राजनैतिक परिस्थिति नहीं होगी।
साल 2017 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी छोड़ना शुरू कर दिया था। हालात ये हो गए थे कि चुनाव के चंद महीनों पहले तक पार्टी में सिर्फ दो विधायक बचे थे, लेकिन चुनाव के वक्त यही चीज कांग्रेस की ताकत नजर आई। क्योंकि उसने नए चेहरों को टिकट दिया और जोड़तोड़ करने वालों के टिकट काट दिए, जिससे लोगों में पॉजिटिव मैसेज गया।
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गोवा में पिछले बार भी 80प्रतिशत से ज्यादा वोटिंग हुई थी, इस बार भी कमोबेश इतनी ही रही, लेकिन एक बड़ा बदलाव लोगों के उत्साह में नजर आया। सीनियर जर्नलिस्ट किशोर नाइक गांवकर के मुताबिक, बीजेपी से लेकर कांग्रेस तक के गढ़ में वोटर्स में उत्साह दिखा।
इतना उत्साह पिछले चुनाव में नहीं देखा गया था। अब ये उत्साह सत्ता चलाए रखने के लिए है, या रूलिंग पार्टी को हटाने के लिए है, यह 10 मार्च को नतीजे आने के बाद ही पता चल सकेगा।
बीजेपी के दिवंगत नेता मनोहर पर्रिकर के बेटे उत्पल पर्रिकर को इस बार बीजेपी ने पणजी से टिकट नहीं दिया। उनकी जगह कांग्रेस से आए नेता को उम्मीदवार बनाया गया। उत्पल ने अपनी जीत के लिए बहुत माइक्रो लेवल पर प्लानिंग की थी।
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बताया जा रहा है कि बीजेपी के वर्कर्स आमने-सामने तो उनका सपोर्ट नहीं कर रहे थे, लेकिन पर्दे के पीछे बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उन्हें भरपूर समर्थन दिया है। ऐसे में यह सीट बीजेपी के लिए कांटे भरी हो गई है। वहीं, उत्पल अपनी जीत को लेकर पूरी तरह आश्वस्त नजर आए।